×

इस व्रत को करने से निसंतान को भी मिलती है संतान, जानिए महत्व

suman
Published on: 29 Dec 2017 4:52 AM
इस व्रत को करने से निसंतान को भी मिलती है संतान, जानिए महत्व
X

जयपुर: पौष माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारवीं तिथि को मनाया जाता है पौष पुत्रदा एकादशी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। भगवान विष्णु के पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजे है। इस समय भगवान विष्णु का तुलसी, मक्खन, चंदन से पूजा करनी चाहिए और संतान की प्राप्ति या संतान के सभी कष्ट दूर करने की कामना करनी चाहिए। निसंतान दंपतियों को इस व्रत को करना बहुत ही फलदायक माना गया है। इस व्रत के बहुत नियम भी हैं इसलिए पूरे विधि विधान से इस व्रत को करना चाहिए।

यह भी पढ़ें...2018: वृश्चिक राशि के लिए ये साल रहेगा उतार-चढ़ाव भरा ,जानिए पूरा हाल

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के रहने का स्थान यानी वैकुंठ के दरवाजे खुले रहते हैं। इसलिए व्रत करने से मोक्ष की प्राप्त होती है । मान्यता के अनुसार, भद्रावती नगर में राजा सुकेतुमान व उनकी पत्नी शैव्या वंशज रहित थे। राजा रात-दिन बस इसी बात से दुखी रहते थे। एक दिन चिंतित राजा दुखी मन से वन में गए। राजा प्यास के मारे भटकने लगे। कुछ दूर जाकर उन्हें एक सरोवर दिखा, जैसे ही वो सरोवर के पास पहुंचे वहां उन्हें श्रृषि दिखाइ दिए। राजा ने श्रृषि को प्रणाम किया। उस दिन पौष पुत्रदा एकादशी थी और श्रृषि विश्वदेव थे। वे इस सरोवर में स्नान करने आए थे। मुनियों ने राजा का हाल सुनकर उसे संतान देने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। कुछ समय बाद राज को पुत्र की प्राप्ति हुई।

यह भी पढ़ें...28 दिसंबर को कैसा रहेगा दिन, बताएगा आपका राशिफल?

suman

suman

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!