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यह हैं अलग देशों में महिला पुलिस के रंग, इंडिया में कानून की इन रखवालियों को देखकर रह जाएंगे दंग
लखनऊ: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ जहां देश भर में 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' का संदेश दे रहे हैं और 'मेरा देश बढ़ रहा है' के नारे लगवा रहे हैं, वहीं हमारे देश में कुछ चीजें आज भी नहीं बदली हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि देश इतना तो तरक्की कर रहा है, फिर हम किस मामले में पीछे छूट रहे हैं।
एक ज़माना था, जब हमारे देश में महिलाओं को चारदीवारी से निकलने भी नहीं दिया जाता था। पर जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा, लोगों की सोच बदली और महिलाओं का उत्थान शुरू हुआ। लेकिन महिला पुलिस से जुड़ी कुछ बातों में हमारा देश एक बार फिर पीछे रह गया। कहते हैं कि नारी अबला नहीं सबला है। कानून की रखवाली की जिम्मेदारी देते हुए किसी ने एकबार नहीं सोचा कि 5 मीटर की साड़ी में वह कैसे दौड़कर चोर पकड़ पाएगी या फिर किसी अपराधी को भागकर पकड़ेगी?
खैर यहां तो हम प्रशासन की गलती दे सकते हैं। लेकिन इस खबर में दिखाई गई इंडियन महिला पुलिस की इस हालत को देखकर आखिर क्या कहेंगे आप? जिन्हें खुद अपने आराम की पड़ी हुई है? जिन महिलाओं को अन्य की सुरक्षा में लगाया जाता है, वह खुद ही ट्रक के नीचे बैठकर बातें कर रही हैं?
इंडियन महिला पुलिस का ये बेपरवाह और लाचार रूप हमारी इंडियन व्यवस्था को दर्शाता है। इंडिया में महिला पुलिस को न तो ठीक तरह से यूनिफ़ॉर्म अवलेबल है और ना ही हथियार? तो अगर देश में महिला पुलिस का उत्थान करना है, तो उन्हें उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक करना होगा और अच्छी सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।
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