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गणेश चतुर्थी: घर पर बप्पा को लाने से पहले न करें यह गलती, हो सकता है नुकसान

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Published on: 22 Aug 2017 4:31 PM IST
गणेश चतुर्थी: घर पर बप्पा को लाने से पहले न करें यह गलती, हो सकता है नुकसान
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आगामी 25 अगस्त को पूरे देश में श्री गणेश चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन हम गणेश जी महाराज को अपने घर, दुकान या अन्य प्रतिष्ठान पर स्थापित करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि गणेशजी को घर पर लाने से पहले हम बहुत सी गलतियां कर देते हैं।

सहारनपुर: आगामी 25 अगस्त को पूरे देश में श्री गणेश चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन हम गणेश जी महाराज को अपने घर, दुकान या अन्य प्रतिष्ठान पर स्थापित करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि गणेशजी को घर पर लाने से पहले हम बहुत सी गलतियां कर देते हैं। जैसे जब हम बाजार से गणेश जी ले रहे होते हैं तो ज्यादा मोल भाव करते हैं। ऐसा करने से अनुकल फल की प्राप्ति नहीं होती है।

ज्योतिषाचार्य आचार्य शालिनी मल्होत्रा ने बताया कि गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी का त्योहार शुक्रवार, 25 अगस्त 2017 को देश-विदेश में रहने वाले हिंदू लोगों द्वारा मनाया जाएगा। हम एक दिन पूर्व ही श्री गणेश जी को लेकर आते हैं। उन्होंने बताया कि श्री गणेश जी का स्मरण कर सपरिवार गणेश जी को अपने घर के लिए आमंत्रित करके लाएं।

जब बाजार में दुकान से श्री गणेश जी की पूजा करके लाएं उनसे कहें कि श्री गणेश जी रिद्धि सिद्धि सहित हमारे घर पधारें। गणेजी को घर लाते वक्त दुकानदार से श्री गणेश जी की मूर्ति का ज्यादा मोल-भाव ना करें। उन्हें शुद्ध कोरे लाल वस्त्र से ढक कर लाएं। कार में उन्हें सीट पर या अपनी गोद में रख कर लाएं-

मूर्ति कौन सी लाएं

-सबसे ज्यादा शुभ पीले रंग और लाल रंग के गणेश जी होते हैं।

-नीले रंग के गणेश जी बहुत ही विशेष पूजा के लिए और विशेष मुहूर्त में लाए जाते हैं।

-हल्दी से बने गणेश जी-हरिद्रा गणपति भी विशेष संतान प्रप्ति के लिए लाए जाते हैं।

-दंत गणपति श्यामवर्ण - पराक्रम के लिए लाए जाते हैं।

-सफेद रंग के गणपति : ऋण मोचन गणपति-ॠणों से मुक्ति दिलाते हैं।

-चार भुजाओं वाले लाल गणपति : संकटष्टहरण गणपति -संकटों का नाश होता है।

-त्रिनेत्र धारी रक्त वर्ण और दस भुजाधारी- इसमें सारे गणेशजी के रुप होते हैं।

-लाल और पीले रंग के गणपति सबसे शुभ हैं।

आप 3, 5, 7 या 11 दिन के लिए श्री गणेश जी को आमंत्रित करने का संकल्प ले सकते हैं और यह संकल्प मूर्ति लाते समय या स्थापना के समय मन में ले सकते हैं।

आगे की स्लाइड में जानिए गणपति विसर्जन से जुड़ी ख़ास बातें

मगर ध्यान रहे कि जितने दिन का संकल्प करके लाए हैं, उससे पूर्व विसर्जन ना करें। परंतु अधिक दिन रुकने के लिए श्री गणेश जी से अनुनय विनय करके दिन उपरोक्त संख्या मे बढ़ा सकते हैं। जितने दिन श्री गणेश जी घर में विराजमान रहे, घर को ताला लगाकर सपरिवार बाहर नहीं जाएं, कोई न कोई सदस्य घर पर ही रुके।

अगर आप दोनों (पति पत्नी) ही कार्यरत हो तो श्री गणेश जी को बोलकर जाना चाहिए कि हम इतने बजे तक आ जाएंगे। फिर जा सकते हैं। ऐसे ही जो महिलाएं दिन में बच्चों को स्कूल बस से लेने जाती हैं। वो भी श्री गणेश जी को बोल कर जा सकती हैं। आपको यह भावना मन में रखनी है कि श्री गणेश जी आपके घर में अतिथि बनकर विराजमान हैं।

कैसे करें पूजा

लकड़ी के पट्टी पर पीला वस्त्र बिछाएं, पीले फूल, मेवा, दुर्वा और लड्डू का भोग लगाएं। अखंड घी का दीपक जलाएं। जितनी उम्र है उतने लड्ड़ू चढ़ाएं। पीले वस्त्र पान सुपारी चढ़ाएं। इस दिन जल और फल ही खाएं और व्रत करें। चंद्रमा को नहीं देखें। चंद्रमा को नीची निगाह रख कर अर्घ्य दें। अगर गलती से चंद्र दर्शन हो जाएं तो श्री कृष्ण-श्री कृष्ण मंत्र बोलकर माफी मांगें। प्रसाद ग्रहण करें और अन्न और वस्त्र का दान करें और फिर व्रत खोले।

वैदिक भजन और मंत्रों का जाप, गणपति अथर्व संहिता, गणपति स्त्रोत और भक्ति के गीत गाकर भेंट अर्पित करते हैं।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या ना करें

क्या ना करें:

काले वस्त्र ना पहनें, घर में बहुत बड़ी मूर्ति न लाएं। तुलसी नहीं चढ़ाएं। क्रोध न करें। झूठ न बोलें।

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कायेर्शु सर्वदा॥

ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि,

तन्नो दन्ति प्रचोदयात॥

का जाप करें।

26 अगस्त, 2017 को गणेश विसर्जन डेढ़ दिन पर होगा। 27 अगस्त, 2017 को गणेश विसर्जन तीसरे दिन होगा। 29 अगस्त, 2017 को गणेश विसर्जन 5 वें दिन होगा। 1 सितंबर, 2017 को गणेश विसर्जन 7 वें दिन होगा। 10 वें दिन गणेश विसर्जन 4 सितंबर, 2017 को होगा। 11 वें दिन (अनंत चतुर्दशी) गणेश विसर्जन 5 सितंबर, 2017 को होगा।

श्री गणेश जी को दोनों समय आरती के समय यथाशक्ति लड्डू मोदक,फल व मेवे का प्रसाद अर्पित करें। घर में सात्विक भोजन ही बने व सर्वप्रथम थाली लगा कर श्री गणेश जी को भोजन अर्पित करावें। तत्पश्चात परिवार भोजन करें। घर में कोई क्लेश और चिंता न करें। श्री गणेश जी विघ्न, क्लेश और चिंता को दूर करने वाले हैं, यह विश्वास मन में रखे।



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