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गुरु की दृष्टि से बदलेगी आपकी किस्मत तो जानिए भविष्य में क्या होने वाला है चमत्कार

suman
Published on: 9 Jun 2017 3:31 PM IST
गुरु की दृष्टि से बदलेगी आपकी किस्मत तो जानिए भविष्य में क्या होने वाला है चमत्कार
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लखनऊ: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को शुभ फल देने वाला ग्रह माना गया है। बृहस्पति को देव गुरु भी कहा जाता है। कुंडली में गुरु पूर्व जन्म के कर्म, धर्म, दर्शन, ज्ञान और संतान सुख के संतुलन का कारक होता है। गुरु को धनु और मीन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। बृहस्पति के बलवान होने पर जातक का परिवार, समाज और हर क्षेत्र में प्रभाव रहता है। 9 जून 2017 को शाम 7 बजकर 40 मिनट पर गुरु कन्या राशि में वक्री से मार्गी हो जाएगा। गुरु की चाल में होने वाले इस परिवर्तन का सभी राशियों पर असर होगा। आइये जानते हैं गुरु के मार्गी होने से सभी राशियों पर होने वाले प्रभाव के बारे मे।

मेष: ज्ञान और वैभव का कारक बृहस्पति आपके नौंवे और बारहवें भाव का स्वामी है। नौंवा भाव भाग्य और प्रसिद्धि को दर्शाता है जबकि बारहवां घर खर्च, शयन सुख आदि से संबंधित है। बृहस्पति गोचर के दौरान कानून व्यवस्था और प्रॉपर्टी से संबंधित मामलों में सावधानी बरतें। क्योंकि आपको कानूनी विवाद और अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लंबी विदेश यात्रा पर जाने के योग हैं। तनाव कम करने के लिए परिवार या जीवन साथी के साथ ट्रिप पर जा सकते हैं। कार्य स्थल पर कड़ी मेहनत का फल मिलेगा और इसके परिणाम स्वरूप सैलरी में बढ़ोतरी होगी। सितंबर से बृहस्पति आपकी राशि से छठवें भाव में स्थित होगा। इस दौरान वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां आएंगी। जीवन साथी के कहासुनी और विवाद हो सकता है। सितंबर के बाद गुरु आपके सातवें भाव में गोचर करेगा। यह समय अविवाहितों के लिए अच्छा साबित होगा। क्योंकि जीवन साथी की तलाश खत्म होने वाली है। छोटे भाई-बहनों के जीवन में समृद्धता आएगी और वे नई ऊंचाइयों पर होंगे। इस दौरान आपकी आय में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है।उपायःभगवान शिव की आराधना करें।

वृषभ: गुरु आपके आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। आठवां भाव जीवन में बड़े परिवर्तन और दीर्घायु का दर्शाता है। वहीं ग्यारहवां घर आय, वृद्धि और सफलता से संबंधित है। इस वर्ष बृहस्पति का गोचर आपके लिए लाभकारी रहने वाला है। बृहस्पति आपकी राशि से पांचवें भाव में स्थित होगा। इस दौरान भाग्य आपका साथ देगा, आय में बढ़ोतरी होगी। छात्रों के लिए भी समय अनुकूल रहेगा। पढ़ाई में मन लगेगा और परीक्षा में अच्छे नतीजे मिलने की प्रबल संभावना है। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। सितंबर के बाद गुरु आपकी राशि से छठवें भाव में गोचर करेगा। इस दौरान मोटापा बढ़ने से सेहत से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है इसलिए संतुलित भोजन करें और नियमित व्यायाम करें। कार्य स्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों की आप पर नज़र रहेगी इसलिए हर काम बेहतर ढंग से करने की कोशिश करें। किसी को शिकायत का मौका नहीं दें। क्योंकि विरोधी आपकी छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

उपायःपंडितों को चांदी के आभूषण और कपड़े दान करें।

मिथुन: आशावाद के प्रतीक बृहस्पति आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी है। इनमें सातवां भाव जीवन साथी और साझेदारी से संबंधित है जबकि दसवां भाव व्यवसाय और कर्म से जुड़ा है। गुरु आपकी राशि से चौथे भाव में स्थित है। यह दर्शाता है कि इस वर्ष आपका व्यक्तिगत जीवन बेहतर रहने वाला है। घर परिवार में शांति और सद्भाव बना रहेगा। प्रियतम व परिजनों से ढेर सारा प्यार मिलेगा। कार्य स्थल पर अच्छे निर्णयों से सफलता और पहचान मिलेगी। बेहतर प्रबंधन और बौद्धिक कौशल से आनंद की प्राप्ति होगी। धार्मिक कार्यों और धार्मिक स्थानों पर जाने की इच्छा होगी। इसके अलावा परोपकारी कार्यों के प्रति भी झुकाव बढ़ेगा और दान, धर्म करेंगे। सितंबर के बाद बृहस्पति आपकी राशि से पांचवें भाव में गोचर करेगा। इसके फलस्वरूप अविवाहित जातक शादी के बंधन में बंध सकते हैं। गुरु की कृपा से इस साल आपको नाम, दौलत और शोहरत मिलेगी।

उपायःपंडित और साधुओं की मदद करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।

कर्क: ज्ञान और दर्शन प्रदान करने वाले बृहस्पति आपके नौंवें और छठवें भाव के स्वामी हैं। ये भाव भाग्य, प्रसिद्धि, संघर्ष, शत्रु और रोग आदि से संबंधित है। गुरु के तीसरे भाव में होने से वैवाहिक जीवन में आनंद बना रहेगा। ज्यादतर वक्त जीवन साथी के साथ बिताएंगे और एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। इस वर्ष पत्नी को धन लाभ होगा। किसी तीर्थ स्थल पर जाने की प्रबल संभावना है। कार्य स्थल पर अच्छे प्रयास और कड़ी मेहनत के चलते पदोन्नति मिलेगी और वेतन में बढ़ोतरी होगी। वरिष्ठ अधिकारी आपके काम की तारीफ करेंगे। आर्थिक लिहाज से भी यह वर्ष अच्छा रहने वाला है। कम दूरी की यात्रा कर सकते हैं। सितंबर के बाद बृहस्पति आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेगा, जो आपके पारिवारिक जीवन में शांति और सद्भाव कायम रखेगा। घर में छोटे-मोटे विवाद होने की स्थिति में आप हालात को नियंत्रित कर लेंगे। बृहस्पति के गोचर से इस साल आपको धन लाभ और करियर में नई ऊँचाइयों पर जाने का अवसर मिलेगा।

उपायःदालों का दान करें।

सिंह: बृहस्पति आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। इन भाव का संबंध शिक्षा, बच्चे, जीवन में बड़े परिवर्तन और दीर्घायु आदि से है। इस साल गुरु के गोचर के फलस्वरूप घर में शादी, बच्चे के जन्म से जुड़ी संभावना बन रही है। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों की ओर झुकाव बढ़ेगा। गुरु के आपकी राशि से दूसरे भाव में होने से स्वभाव परोपकारी होगा और आप दान-धर्म करेंगे। इस स्वभाव की वजह सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इस दौरान करियर के क्षेत्र में भी आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। कई साधनों से आपको अप्रत्याशित लाभ होगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सितंबर के बाद गुरु के आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करने के फलस्वरूप जीवन में अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे। खान-पान को लेकर सख़्ती बरतेंगे और सेहत के प्रति गंभीर रहेंगे। कोई शुभ समाचार मिल सकता है। दांपत्य जीवन में जीवन संगिनी का सहयोग मिलेगा। अविवाहित जातक शादी के बंधन में बंध जाएंगे। घर-परिवार में शांति और सद्भाव बना रहेगा। भाई-बहनों से प्यार और सहयोग मिलेगा।

उपायःदुर्गा जी की आराधना करें। ज़रूरतमंद बालिकाओं को फल और मिठाई बांटे।

कन्या: बृहस्पति आपकी राशि में चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। ये भाव मां, पत्नी, साझेदारी, हर्ष और वाहन आदि से संबंधित है। 2017 आपके लिए शुभ फल देने वाला वर्ष साबित होगा। क्योंकि गुरु आपकी राशि में गोचर कर रहे हैं। गुरु के प्रथम भाव में स्थित होने से बौद्धिक कौशल की वजह धन लाभ होगा। इस दौरान आप कई अच्छे निर्णय लेंगे। इन फैसलों से ना केवल आपको बल्कि मिलने-जुलने वाले लोगों को भी फायदा होगा। छात्र बड़े लक्ष्यों को हासिल करेंगे लेकिन पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देने की ज़रुरत है। अति आत्मविश्वास और एकाग्रता की कमी से नुकसान उठाना पड़ सकता है। लव लाइफ शानदार रहने वाली है। आपके फैसले और जीवन पर पत्नी के विचारों का प्रभाव रहेगा। हालात और चीजों से सीखने की कोशिश करें और कुछ बड़ा सोचें। बृहस्पति का गोचर इस बात को दर्शाता है कि अतीत को भूल जाएं और भविष्य की सोचें। सामाजिक मेल मिलाप बढ़ेगा, आप छोटे-मोटे समारोह या पार्टी का आयोजन करेंगे। काम के साथ-साथ मनोरंजन के लिए भी समय निकालें। जीवन में खुशी और नई उमंग के लिए पिकनिक की योजना बनाएं। सितंबर के बाद गुरु आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों की ओर आपका झुकाव बढ़ेगा। लंबे समय से जीवन में जिन बदलावों की आप अपेक्षा कर रहे थे बृहस्पति की कृपा से वह बदलाव होंगे। कार्य स्थल बदल सकते हैं यानि नई नौकरी मिल सकती है। जीवन में होने वाले छोटे-मोटे बदलावों से परेशान नहीं होयें और स्वभाव पर नियंत्रण रखें।

उपायःपंडितों को पीले वस्त्र दान दें।

तुला: बृहस्पति आपकी राशि में तीसरे और छठवें भाव के स्वामी हैं। ये भाव संघर्ष, शत्रु, प्रयास, रोग, भाई-बहन और संचार आदि को दर्शाते हैं। बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में होगा । इसके फलस्वरूप खर्च बढ़ेंगे। आय का ज्यादातर हिस्सा सेहत संबंधी मसलों पर खर्च हो सकता है। कोई बड़ी बीमारी परेशान कर सकती है इसलिए संतुलित भोजन करें, खाने में हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। आपकी सफलता आपकी दिनचर्या और नियमित प्रयासों पर निर्भर करेगी। अपने लापरवाह रवैये की वजह से आप कई अच्छे अवसरों को गवां सकते हैं। कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छे से सोचें क्योंकि कुछ निर्णय आपके लिए घातक साबित हो सकते हैं। सितंबर के बाद जब गुरु का गोचर आपकी लग्न राशि में होगा। इस दौरान कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। बुरी आदतों का नाश होगा और आप नई ऊर्जा के साथ काम करेंगे। बृहस्पति के बुरे प्रभाव से वजन बढ़ेगा। पक्का इरादा और मजबूत इच्छा शक्ति दो ऐसे मूलमंत्र हैं जो आपको हर हाल में सफलता दिलाएंगे।

उपायःनिर्धन लोगों की मदद और सेवा करें।

वृश्चिक: बृहस्पति आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। ये भाव धन, परिवार, शिक्षा, भाषा और बच्चों से संबंधित है। गुरु का होने से शिक्षा के लिहाज यह वर्ष बेहद अच्छा रहेगा। बौद्धिक कौशल आपको आगे लेकर जाएगा। अच्छी शिक्षा की बदौलत धन लाभ होगा। उच्च शिक्षा के लिए लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं। इस वर्ष नए रिश्ते बनेंगे, प्रेम संबंध रिश्तों में बदल जाएंगे। यह समय प्रेम प्रसंग के लिए बेहद अनुकूल है। प्रेमी युगल में प्यार बढ़ेगा। सितंबर के बाद बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से बारहवें भाव में होगा। यह समय आपके लिए बेहद कठिन और कष्टकारी होगा। सेहत संबंधी परेशानी हो सकती है। संक्रमित बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगेगा। बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी चिंता का विषय होगी। कार्य स्थल पर सफलता मिलेगी। ऐसे लोगों से दूर रहें जो आपका मनोबल गिराने की कोशिश करें।

उपायःअपना भाग्य चमकाने के लिए बुज़ुर्ग लोगों की देखभाल और सेवा करें।

धनु: बृहस्पति आपके लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं। यह भाव चरित्र, व्यक्तित्व, दीर्घायु, मां, वाहन और हर्ष आदि को दर्शाता है। बृहस्पति दसवें भाव में स्थित होने से कार्य स्थल बदलने यानि नई नौकरी मिलने की संभावना बन रही है। पदोन्नति और वेतन बढ़ोतरी के प्रबल योग हैं। सहकर्मी और वरिष्ठ अधिकारी आपकी प्रशंसा करेंगे। गुरु के गोचर के दौरान परिजनों से स्नेह और सम्मान मिलेगा। पारिवारिक फैसलों में आपकी भूमिका अहम होगी। अपने सौम्य और निर्णायक स्वभाव से आपको शोहरत मिलेगी। नया घर या प्रॉपर्टी खरीदने के बारे में सोच सकते हैं। इस साल घर की साज-सज्जा का विचार भी आएगा। भौतिक सुख-साधनों के लिए खर्च करेंगे। वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे, पत्नी के साथ रिश्तों पर असर पड़ सकता है। छोटी-छोटी चीज़ों से परिवार के लोगों को खुश करने की कोशिश करें। व्यक्तिगत जीवन में व्यस्तता रहने के बावजूद मनोरंजन के लिए समय निकालेंगे। सितंबर के बाद बृहस्पति आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेगा। इस दौरान थोड़ा संभलकर चलने की जरुरत है। कार्य स्थल पर अधिकारी आप पर नज़र रखेंगे इसलिए याद रखिए कोई भी काम कल पर नहीं छोड़ें।

उपायःपीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।

मकर: हस्पति आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। ये भाव आपके भाई-बहन, हानि, खर्च, मेहनत, संचार और अस्पताल से जुड़े हैं। इस साल किसी लंबी यात्रा पर जाने के योग हैं। कुछ लोग धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं। गुरु आपकी राशि से नौंवे भाव में स्थित होने से परोपकारी स्वभाव आपको समाज में नई पहचान दिलाएगा। निराशावादी लोगों से दूर रहने की कोशिश करें। विदेश से आय होने की प्रबल संभावना बन रही है। बृहस्पति के गोचर के दौरान नई चीज़े सीखने की ओर झुकाव बढ़ेगा। उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की इच्छा होगी। भाई-बहनों के जीवन में समृद्धता आएगी। सितंबर के बाद गुरु के दसवें भाव में गोचर करने से पढ़ाई-लिखाई में परेशानी आ सकती है। आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर होगी हालांकि नए प्रयोगों से सभी समस्याओं का समाधान होगा। कार्य स्थल पर आप जो भी काम करेंगे उसकी अनदेखी नहीं की जाएगी इसलिए वाहवाही लूटने के लिए बेवजह का प्रदर्शन करने से बचें।

उपायःमंदिर में बादाम बांटें।

कुंभ: बृहस्पति आपकी राशि में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। दूसरा भाव धन, परिवार और भाषा से संबंधित है जबकि ग्यारहवां भाव आय, वृद्धि और सफलता को दर्शाता है। चूंकि बृहस्पति के आपकी राशि से आठवें भाव में स्थित होने से इस वर्ष धन और पद हानि हो सकती है। पैसों को लेकर सावधानी बरतें। कुशल आर्थिक प्रबंधन से खर्चों पर लगाम लगाने की कोशिश करें। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों पर जरुरत से ज्यादा खर्चा हो सकता है। सितंबर के बाद भाग्य आपका साथ देगा। क्योंकि गुरु का गोचर आपकी राशि से नौंवे भाव में हो रहा है, आमदनी में स्थिरता बनी रहेगी। फैसले लेने की क्षमता में सुधार होगा जो आपके लिए लाभकारी होगा। सेहत खराब रह सकती है इसलिए भरपूर नींद लें और समय पर उठें। परिवार व प्रियतम के साथ तीर्थ दर्शन के लिए जा सकते हैं। आपके प्रयासों की बदौलत परिवार में एकजुटता आएगी और परिवार का हर सदस्य आपकी प्रशंसा करेगा। इस वर्ष धार्मिक कार्यों की ओर झुकाव बढ़ेगा।

उपायः मांसाहारी व्यंजन से परहेज करें।

मीन: बृहस्पति आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं। ये भाव चरित्र, व्यक्तित्व, व्यवसाय, कर्म और दीर्घायु आदि को दर्शाता है। बृहस्पति के प्रभाव से इस वर्ष वैवाहिक जीवन सुखमय रहने वाला है। बृहस्पति आपकी चंद्र राशि में सातवें भाव में स्थित है। पति और पत्नी के बीच प्यार बढ़ेगा और दोनों सफल दांपत्य जीवन का आनंद लेंगे। कार्य स्थल पर पदोन्नति के साथ वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है। स्वास्थ पहले की तरह सामान्य रहेगा। सितंबर के बाद जब गुरु आपकी चंद्र राशि से आठवें भाव में गोचर करेगा। उस दौरान बुरे अनुभवों का सामना करना पड़ सकता है। आप किसी मौसमी बीमारी का शिकार हो सकते हैं। काम और करियर के क्षेत्र में भी परेशानी और रुकावट आएगी। इस वर्ष अचानक किसी अनचाही जगह पर जाना पड़ सकता है जो आपको पसंद नहीं आएगी। आध्यात्मकिता और प्राणायाम से आपको मानसिक शांति मिलेगी।

उपायःमंदिर में घी, कपूर और आलू का दान करें।



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