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सावन में पंचाक्षार मंत्र का करेंगे जाप तो शिव के बनेंगे कृपा पात्र
लखनऊ: पुराणों में भगवान शिव की उपासना का उल्लेख बताया गया है। शिव की उपासना करते समय पंचाक्षार मंत्र ॐ नम: शिवाय और महामृत्युंजय आदि मंत्र जप बहुत खास है। इन मंत्रों के जप-अनुष्ठान से सभी प्रकार के दुख, भय, रोग, मृत्यु भय आदि दूर होकर मनुष्य को दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
देश-दुनिया भर में होने वाले उपद्रवों की शांति और अभीष्ट फल की प्राप्ति को लेकर रूद्राभिषेक आदि यज्ञ-अनुष्ठान किए जाते हैं। इसमें शिवोपासना में पार्थिव पूजा का भी विशेष महत्व होने के साथ-साथ शिव की मानस पूजा का भी महत्व है।
इस तरह करें भोले भंडारी को प्रसन्न
सावन मास में जहां शिवोपासना, शिवलिंगों की पूजा की जाती है जिससे मनुष्य को अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है। इस माह में बिल्व पत्र, जल, अक्षत और बम-बम बोले का जयकारा लगाकर और शिव चालीसा, शिव आरती, शिव-पार्वती की उपासना से भी आप शिव को प्रसन्न कर सकते हैं।
अगर आपके लिए हर रोज शिव आराधना करना संभव नहीं हो तो सोमवार के दिन आप शिव पूजन और व्रत करके शिव भक्ति को प्राप्त कर सकते हैं और इसके लिए सावन माह तो अति उत्तम हैं। शिव को दूध-जल, बिल्व पत्र, बेल फल, धतूरे-गेंदे के फूल और जलेबी-इमरती का भोग लगाकर शिव की सफल आराधना कर सकते हैं।
भगवान शंकर को सोमवार का दिन प्रिय होने के कारण भी सावन माह भोलेनाथ को अतिप्रिय है। सावन में प्रति सोमवार, प्रदोष काल में की गई पार्थिव शिव पूजा अतिफलदायी है।
प्रेम से भगवान शिव की चाहे जिस तरह आराधना करें, वे अपने सभी भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं और उनके सारे दुखों का निवारण कर उन्हें सुखी जीवन जीने का वरदान देते हैं। उनका ॐ नम: शिवाय का मंत्र जप हमारे सभी पाप कर्मों को दूर करके, हमें पुण्य के रास्ते पर ले जाता हैं।