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237 साल बाद होली पर दुर्लभ संयोग, लाएं होलिका की राख, बढ़ेगा सौभाग्य
लखनऊ: इस साल होली पर है बहुत ही दुर्लभ संयोग। ऐसा संयोग जो 237 साल के बाद पड़ रहा है। इससे पहले ऐसा संयोग 1779 में पड़ा था। इस बार मंगल-शनि के योग में लोग होली खेलेंगे। इस साल होली के त्योहार को लेकर काफी पशोपेश है। कही पर ये त्योहार 23 को तो कहीं पर 24 मार्च को मनाई जा रही है।होली को लेकर अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। सभी लोग अपने अपने तरीके से होली मनाने की तैयारी में जुट गए हैं, लेकिन हम ये आपको बता रहे हैं कैसे आप अपनी तैयारी के साथ-साथ अपनी राशि ग्रह के अनुसार नवग्रहों को शांत करें। इस होली पर ग्रहों को शांत करने का अच्छा मुहर्त है।
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होलिका की राख से बढ़ता है सौभाग्य
होली दहन को लेकर परंपराएं अलग अलग जगहों पर अलग होती है, लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार होलिका की परिक्रमा करने से दुर्भाग्य नष्ट होते हैं और सौभाग्य बढ़ता है। कहते हैं कि होलिका दहन के बाद निकलने वाली राख भी बड़ी काम की चीज होती है। इस राख को घर पर लाकर रखने से जहां घर पर ओपरी हवाओं आदि अपना असर नहीं डालती हैं, वहीं ये राख घर में रखी होने के कारण सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा दवा आदि का सेवन करने के बावूजद यदि किसी रोगी को आराम नहीं मिल रहा है तो होलिका दहन की राख को रोगी के माथे पर लगाने से रोग दूर होते हैं।
ज्योतिषाचार्य सागर जी महाराज बताते हैं कि होली पर की जाने वाली पूजा-पाठ का अपने आप में अलग महत्व होता है। ग्रहों की शांति के लिए भी ये दिन बहुत शुभ है। ऐसे में यदि व्यक्ति अपनी राशि के ग्रह के अनुसार होलिका दहन में लकड़ी डाले तो संबंधित ग्रह का कुप्रभाव कम होता है और ग्रह अनुकूल फल देते हैं।
-सूर्य की शांति के लिए होली की अग्नि में मदान की लकड़ी अर्पित कर प्रार्थना करें।
-चंद्रमा के लिए पलाश की लकड़ी अर्पित करते हुए प्रार्थना करें कि संबंधित व्यक्ति की बाधाएं दूर हों।
-मंगल ग्रह के लिए खैर की लकड़ी अर्पित करें।
-बुध ग्रह के लिए अपमार्ग की लकड़ी अर्पित करें।
-गुरु ग्रह के लिए पीपल की लकड़ी अर्पित करें।
-शुक्र ग्रह के लिए गूलर की लकड़ी अर्पित करें।
-शनि के लिए शमी, राहु के लिए दूब अर्पित करें।
-केतु के लिए कुश को अग्नि में अर्पित करते हुए प्रार्थना करने से ग्रह शांत होते हैं।