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पूजा में जरूर रखें आसन का ध्यान नहीं तो नाराज हो जाएंगे भगवान
लखनऊ: हिंदू धर्म में हर तरह की समस्याओं के निदान के लिए लोग ईश्वर की शरण लेते है और पूजा का सहारा लेते हैं। पूजा से श्रद्धा और विश्वास का ही जन्म नहीं होता है अपितु मन में एकाग्रता और दृढ इच्छाशक्ति का संचार होता है। पूजा में इष्टदेव के लिए वस्त्र व आसन का महत्व हैं। बिना आसन के कभी भी बैठकर या जमीन पर खड़े होकर पूजा न करें, बिना आसन पूजा व्यर्थ जाती है। आसन पर बैठकर पूजा-पाठ करने से पूरा फल तो मिलता ही है, साथ ही सीधे जमीन पर बैठकर पूजा-पाठ करने से होने वाले दुष्प्रभावों से भी बचा जा सकता है। पवित्रता के साथ-साथ इसमें वैज्ञानिक कारण भी जुड़ा हुआ है।
दरअसल, ब्रह्मांड में अनंत ऊर्जा और शक्तियां मौजूद होती हैं। हमारी पृथ्वी ब्रह्मांड का ही अंग है। पृथ्वी में भी विद्युत और चुंबकीय तरंगे प्रवाहित होती रहती हैं। जब कोई पूजा-पाठ करता है या बोलकर प्रार्थना-भजन करता है तो इससे ऊर्जा पैदा होती है। आसन बिछाए बिना पूजा करने से शरीर का संपर्क सीधे जमीन से हो जाता है और पैदा हुई सकारात्मक ऊर्जा सीधे पृथ्वी में समाहित हो जाती है।
इसके विपरीत आसन, शरीर व जमीन के बीच का सीधा संपर्क तोड़ देता है और पूजा से पैदा हुई सकारात्मक ऊर्जा पृथ्वी में जाने से बच जाती है। इससे पूजा का पूरा फल मिलता है। सामान्य तौर पर शिवजी, सरस्वती मां और भुवनेश्वरी मां के लिए सफ़ेद और बाकि सभी देवताओं के लिए लाल रंग के कपड़े का उपयोग किया जाता है।