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इस अद्भुत इराकी नवजात पर इंडियन डॉक्टर्स का 'करम', कुछ ऐसे दी नई जिंदगी

सात महीने का एक नवजात इराकी बच्चा जिसके अदूभुद रूप से शरीर में अतरिक्त दो हाथ और दो पैर थे। रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी द्वारा बच्चे को उसके सामान्य रूप में लाया गया।

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Published on: 15 April 2017 12:06 PM IST
इस अद्भुत इराकी नवजात पर इंडियन डॉक्टर्स का करम, कुछ ऐसे दी नई जिंदगी
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इस अदभुत इराकी नवजात पर इंडियन डॉक्टर्स का 'करम', कुछ ऐसे दी नई जिंदगी

नोएडा: सात महीने का एक नवजात इराकी बच्चा जिसके अद्भुत रूप से शरीर में अतरिक्त दो हाथ और दो पैर थे। रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी द्वारा बच्चे को उसके सामान्य रूप में लाया गया। यह कारनामा सेक्टर-128 स्थित जेपी हॉस्पिटल के आॅर्थोपेडिक्स विभाग, प्लास्टिक-एस्थेटिक और रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी विभाग द्वारा किया गया। बच्चे का नाम करम है।

अंगों के साथ कई अन्य बीमारी से ग्रसित था 'करम'

इस बीमारी के साथ ही करम के ह्रदय, आंत और अंडकोष सहित अन्य अंगों में भी बीमारियां थीं। चार विभागों के संयुक्त प्रयास से बेहद जटिल ऑपरेशन सफल हुआ और करम के शरीर से अतिरिक्त अंगों को हटाकर उसे नई जिदगी दी गई। खास बात यह है कि बच्चे को बीमारी से मुक्त करने के लिए छह महीने में तीन विभागों की टीम द्वारा अलग-अलग तीन सर्जरी की गई।

इसका श्रेय बाल ह्रदय रोग विभाग के निदेशक डॉ. राजेश शर्मा, आॅर्थोपेडिक्स विभाग के डॉ. गौरव राठौर, बाल शल्य विभाग के डॉ. अभिषेक और प्लास्टिक-एस्थेटिक एवं रिकंस्ट्रक्शन विभाग के डॉ. आशीष राय, डॉ. सौरभ गुप्ता एवं उनकी टीम को मिला।

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पोलीमेलिया से ग्रसित था बच्चा

डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को 'पोलीमेलिया’ नाम की बिमारी है। विश्व के चिकित्सीय इतिहास में इस तरह के केवल पांच-छह मामले देखे गए हैं। अब तक ऐसे जितने भी मामले सामने आए हैं उन सभी में करम की बीमारी अत्यधिक जटिल थी। उसके शरीर में जन्म से ही पेट और पैरों से हाथ-पैर जैसे अतिरिक्त चार अंग निकले हुए थे, जिसमें दो हाथ और एक पैर सामान्य बालक जैसे थे।

करम के एक पैर का आकार सामान्य से छोटा, जबकि दूसरे पैर में दो पैर जुड़े हुए थे। दो अंग ऐसे थे जो पेट से निकले हुए थे। पेट से निकलने वाला एक अंग पैर की तरह तो दूसरा अंग हाथ की तरह था। बच्चे का एक पैर जो सामान्य था उसमें भी थोड़ा टेढ़ापन था।

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अगस्त 2016 में भर्ती हुआ था करम

आॅर्थोपेडिक विभाग के सीनियर डॉ. गौरव राठौर के अनुसार, बच्चे के पिता स्वयं इराक के एक हॉस्पिटल में ईमरजेंसी विभाग में डॉक्टर हैं। अगस्त 2016 में उसे जेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के फर्स्ट फेज के दौरान करम के सामान्य पैर के टेढ़ेपन को सर्जरी द्वारा ठीक किया गया। इसके साथ ही उसके पेट पर जन्मे दो अतिरिक्त अंगों को शरीर से हटाया गया। इसके बाद करम वापस इराक चला गया, और उसके सामान्य अंगों के टेढ़ेपन का इलाज जारी रहा।

अप्रैल में हुई तीसरी सर्जरी

अप्रैल 2017 में थर्ड फेज की सर्जरी में करम के दोनों अतिरिक्त पैरों को शरीर से हटाया गया। अब करम के पास सामान्य बालक की तरह केवल दो पैर शेष थे लेकिन इसमें भी उसका बायां पैर अविकसित होने के कारण बहुत पतला था। इसलिए जिन दो अतिरिक्त पैरों को शरीर से हटाया गया था, उनकी मांसपेशियों का अविकसित पैर में प्रत्यारोपण प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्शन विभाग के डॉ. आशीष राय के सहयोग से किया गया। इसके साथ ही करम के कमर के टेढ़ेपन को सीधा किया गया। सिर्फ इस सर्जरी में करीब 7 से 8 घंटे का समय लगा।

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माइक्रोस्कोपिक की ली गई मदद

जेपी हॉस्पिटल के प्लास्टिक, एस्थेटिक एवं रिकंस्ट्रक्शन विभाग के डॉ. आशीष राय ने प्लास्टिक सर्जरी संबंधी प्रक्रिया के बारे में बताया। बच्चे के पेट से निकले दोनों पैर वास्तव में बच्चे की छाती की हड्डी से जुड़े हुए थे और वहां पर पेट की कोई मांसपेशियां नहीं थी। इसकी खून की नसें लिवर की नसों से जुड़ी हुई थीं। जटिल माइक्रोस्कोपिक तकनीक द्वारा इन नसों को अलग करके पेट से निकले दोनों पैरों को शरीर से अलग किया गया और प्लास्टिक, एस्थेटिक एवं रिकंस्ट्रक्शन तकनीक के उपयोग से पेट को सामान्य बनाया गया।



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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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