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गोमती नदी तट पर लगेगा पौराणिक कार्तिक मेला, निभाई जाएगी बरसो पुरानी परंपरा
पौराणिक महत्व वाला कार्तिक मेला गंगा स्नान के साथ शुरू हो जायेगा। डालीगंज में लगने वाले कार्तिक मेले का उल्लास भीड़ की बलि चढ़ जाता है, जिससे मेला का वजूद सिर्फ एक भीड़ की तरह ही नज़र आता था। 40 दिन तक लगने वाले कार्तिक मेले के वजूद को बचाने और मेले को भव्य और सुंदर बनाने के लिए मेला समिति ने इस बार मेले का स्थान बदल दिया है। ऐतिहासिक कार्तिक मेले को डालीगंज की सड़क से हटाकर गोमती नदी के किनारे मनकामेश्वर उपवन घाट पर लगने की तैयारियां ज़ोरो पर है। जगह बदलने से मेला समिति इस बार मेले को बड़ा और खूबसूरत बनाने के लिए गोमती के किनारे को सवारने की कवायद शुरू कर दी है।
लखनऊ : पौराणिक महत्व वाला कार्तिक मेला गंगा स्नान के साथ शुरू हो जायेगा। डालीगंज में लगने वाले कार्तिक मेले का उल्लास भीड़ की बलि चढ़ जाता है, जिससे मेला का वजूद सिर्फ एक भीड़ की तरह ही नज़र आता था। 40 दिन तक लगने वाले कार्तिक मेले के वजूद को बचाने और मेले को भव्य और सुंदर बनाने के लिए मेला समिति ने इस बार मेले का स्थान बदल दिया है। ऐतिहासिक कार्तिक मेले को डालीगंज की सड़क से हटाकर गोमती नदी के किनारे मनकामेश्वर उपवन घाट पर लगने की तैयारियां ज़ोरो पर है। जगह बदलने से मेला समिति इस बार मेले को बड़ा और खूबसूरत बनाने के लिए गोमती के किनारे को सवारने की कवायद शुरू कर दी है।
नगर निगम और सिचाई विभाग को ज्ञापन सौप कर मेला स्थान बदलने की ली अनुमति
कार्तिक का मेला सालो से भीड़भाड़ वाले डालीगंज इलाके में लगता था। व्यस्ततम इलाका होनेके कारण लोगो को मेले की वजह से जाम का सामना करना पड़ता था। जाम की वजह से 40 दिन तक सबसे ज़्यादा परेशानी केजीएमयू जाने वाले मरीज़ों को होती थी। इन सब परेशानियों को देखते हुए मेला समिति ने नगर निगम और सिचाई विभाग को ज्ञापन सौप कर मेले का स्थान बदलने की अनुमति ली और फिर प्रशासन को इन दोनों विभाग से आपत्ति न होने की जानकारी देते हुए मनकामेश्वर उपवन में मेला लगाने की अनुमति हासिल की।
मेयर ने दिया ज़रूरी सुविधाएं मुहैया कराने का आश्वासन
महापौर दिनेश शर्मा ने कहा की मेले को नदी के किनारे लगाने की परम्परा है ऐसे में मनकामेश्वर उपवन घाट पर मेला लगाने की अनुमति के बाद नगर निगम की तरफ से सभी ज़रूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। साथ ही घाट पर दूकान लगाने के लिए स्थान भी चिन्हित करने की तैयारियां भी आखिरी दौर पर है। उन्होंने कहा की गोमती नदी के किनारे मेला लगाने की मुहीम से श्रद्धालुओ और व्यापरियो को राहत मिलेगी। गंगा स्नान के बाद लगने वाले मेले में दूरदराज से लोग आते है जिन्हें खुले में धूमने और मेले का मज़ा लेने का मौका मिल सकेगा। साथ ही डालीगंज की सड़क के बजाय मनकामेश्वर घाट पर लगने से मेले में भव्यता आ जायेगी।
लोग हुए खुश, कहा नही करना पड़ेगा जाम का सामना
गंगा स्नान और मेले आने वाले लोग सिर्फ लखनऊ नही बल्कि दूर दराज के इलाके से आते है। डालीगंज के बजाय मनकामेश्वर उपवन में मेला लगने से लोग जाम का सामना करने के बजाय गोमती की ठंडी और स्वच्छ हवा का लुत्फ़ उठा सकेंगे। लोगो का कहना है की यह जनहित से जुड़ा मुद्दा है,डालीगंज और आसपास के इलाके में रहने वाले लोगो की माने तो मेले की वजह से आये दिन लोगो को जाम से दोचार होना पड़ता है। उन्होंने कहा की जिस तरह हाई कोर्ट परिसर को दूसरी जगह शिफ्ट करने से लोगो को राहत मिली है वैसे ही मेले का स्थान बदलने के बाद लोगो को डालीगंज में लगने वाले जाम से निजात मिल सकेगी।
सड़क पर मेला लगने से पड़ता था दुकानदारी पर असर
मेले में आने वाले व्यापरियो की माने तो कार्तिक मेला लोगो को आस्था से जुड़ा है। सड़क पर मेला लगने की वजह से पार्किंग की परेशानी भी बनी रहती है।ऐसे में लोग बेतरतीब ढंग से सड़क पर लगी दुकानों के सामने ही गाड़िया खड़ी कर देते है, जिससे जाम तो लगता है है साथ ही दुकानदारी पर भी असर पड़ता है,लेकिन मेला का स्थान बदलने की वजह से उम्मीद की जा रही है की मेला आने वाले लोगो के लिए पार्किंग की अलग व्यवस्था की जाएगी जिससे लोग बेफिक्र हो कर मेला का लुत्फ़ उठा सकेंगे।