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PHOTOS में देखिए जब लंबे इंतजार के बाद दिखा करवा चौथ का चांद, पति के लिए मांगी दुआ

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने बुधवार को करवाचौथ का व्रत रखा और इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया। महिलाओं ने सुहाग की लंबी आयु की कामना की और बड़ों के पैर छू कर आर्शीवाद लिया। पूजा अर्चना के बाद सुहागिनों ने रात करीब 8 बजकर 27 मिनट पर चांद देखकर पति के हाथों से जल पीकर 24 घंटे का निर्जला व्रत तोड़ा। पत्नियां दिनभर करवा चौथ व्रत की तैयारियां करती रही। शाम को करवाचौथ की कथा सुनने के बाद पूजा अर्चना की। करवाचौथ पर मिठाई की दुकानों पर भी सुबह से खरीदारों की भीड़ लगी रही।

tiwarishalini
Published on: 19 Oct 2016 10:25 PM IST
PHOTOS में देखिए जब लंबे इंतजार के बाद दिखा करवा चौथ का चांद, पति के लिए मांगी दुआ
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लखनऊ/ मेरठ: पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने बुधवार को करवाचौथ का व्रत रखा और इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया। महिलाओं ने सुहाग की लंबी आयु की कामना की और बड़ों के पैर छू कर आर्शीवाद लिया। पूजा अर्चना के बाद सुहागिनों ने चांद देखकर पति के हाथों से जल पीकर 24 घंटे का निर्जला व्रत तोड़ा। पत्नियां दिनभर करवा चौथ व्रत की तैयारियां करती रहीं। शाम को करवाचौथ की कथा सुनने के बाद पूजा अर्चना की। करवाचौथ पर मिठाई की दुकानों पर भी सुबह से खरीदारों की भीड़ लगी रही।

क्यों खास होता है करवा चौथ का व्रत ?

कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत कभी पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छी फसल की कामना से शुरू हुआ था। तब रबी की फसल बोने के समय बड़े-बड़े मिट्टी के कलशों में गेहूं भरा जाता था। इन कलशों को करवा कहते थे। लेकिन समय के साथ करवा चौथ का अर्थ और उसके मायने पूरी तरह से बदल गए। पंजाब-हरियाणा में करवे में पानी और फूल डालने का चलन है, तो राजस्थानियों में करवे को चावल और गेहूं से भरा जाता है। जबकि यूपी और एमपी में करवे को मिठाई से भरा जाता है। खासतौर पर चावल के लड्डू से। इस व्रत को महिलाएं बड़ी ही श्रद्धा और विश्वास के साथ रखती हैं। महिलाएं ज्यादातर लाल जोड़ा पहनती हैं।

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क्यों होती है करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा ?

उपनिषद् के चंद्रमा पुरुष रूपी ब्रह्मा का रूप है जिसकी उपासना करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। चंद्रमा को लंबी आयु का वरदान मिला है जिसके पास रूप, शीतलता और प्रेम और प्रसिद्धि है इसलिए सुहागिन स्त्रियां चंद्रमा की पूजा करती हैं जिससे ये सारे गुण उनके पति में भी आ जाए। चंद्रमा शांति प्रदान करता है और मानसिक शांति से संबंध मजबूत होते हैं। चंद्रमा शिव जी की जटा का गहना है इसलिए दीर्घायु का भी प्रतीक है।

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संबंधों की मजबूती और पति की दीर्घायु की कामना को लेकर ही व्रत का समापन चंद्रदर्शन के साथ होता है। रूप, शीतलता और प्रेम और लंबी आयु वाले पति की कामना हर लड़की करती है। इसलिए भारत में कुंवारी लड़कियां भी अपने अच्छे पति की कामना में ये व्रत रखती हैं और चंद्रमा की पूजा अविवाहित लड़कियां भी कर सकती हैं इसलिए चंद्रमा की पूजा करवाचौथ में की जाती है।

फोटोज: आगे की स्लाइड्स में देखिए लखनऊ में कैसे मना करवा चौथ

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फोटोज: आगे की स्लाइड्स में देखिए मेरठ में कैसे मनाया करवा चौथ

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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