×

सुहागिनों के अटल सुहाग का प्रतीक, 8 अक्टूबर को है करवा चौथ

suman
Published on: 30 Sep 2017 6:09 AM GMT
सुहागिनों के अटल सुहाग का प्रतीक, 8 अक्टूबर को है करवा चौथ
X

जयपुर: अटल सुहाग का प्रतीक करवा चौथ व्रत सुहागिनों का महत्वपूर्ण त्येहार माना गया है। करवा चौथ व्रत कार्तिक मास के चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को आमतौर महिलाओं द्वारा किया जाता है। महिलाएं करवा चौथ व्रत पति की दीर्घायु की कामना के लिए करती है।

यह भी पढ़ें..दशहरा से जुड़ी अनकही बातें, जान लेंगे तो छूट जाएंगी आपकी ये 10 बुराइयां

कारवां चौथ व्रत की विधि है। व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद इस संकल्प को करें-

'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'

पूरे दिन बिना पानी के सेवन के साथ रहना चाहिए। इस साल करवा चौथ का व्रत 8 अक्टूबर (रविवार) को है।

करवा चौथ शुभ मुहूर्त- तारीख-8 अक्टूबर, दिन- रविवार, करवा चौथ पूजा मुहूर्त- 17:55 से 19:09चंद्रोदय- 20:14 चतुर्थी तिथि आरंभ- 16:58 (8 अक्टूबर ) चतुर्थी तिथि समाप्त- 14:16 (9 अक्टूबर) घर के दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा फोटो बनाएं। इसे वर कहा जाता है। बनाने की कला को करवा कहा जाता है। 8 पूरियों की अठावरी, हलुआ और पक्के पकवान बनाएं। पीली मिट्टी से गौरी बनाएं । साथ ही गणेश को बनाकर गौरी के गोद में बिठाएं। गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें। जल से भरा हुआ लोटा रखें। भेंट देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें। रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं। गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें।

यह भी पढ़ें..विजयदशमी: लालकिला मैदान में रावण दहन कार्यक्रम में पहुचेंगे PM

'नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥' करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। कथा सुनने के बाद करवां पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें। रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें।

suman

suman

Next Story