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सिर्फ 68 विवाह लग्न, कुछ कुंवारों की बजेगी शहनाई, कुछ को रहेगा इंतजार
लखनऊ: चारों ओर गूंज रही शहनाईयों का शोर अब नहीं सुनाई देगा, क्योंकि अब शादी के शुभ मुर्हूत खत्म हो गए। इधर खरमास 14 मार्च से शुरू होने जा रहे है। इसमें हिंदू धर्म के आधार पर शुभ काम नहीं किया जाता है। इसके चलते कोई भी मांगलिक काम नहीं हो पाएगा।
पंडित सागरजी महाराज के अनुसार 11 मार्च के बाद 1 महीने तक मांगलिक कार्य के लिये कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। आगामी अप्रैल महीने की 16 से 22 अप्रैल तक विवाह के शुभ मुहूर्त का लग्न योग रहेगा। पंचाग के अनुसार इस साल में केवल 68 शुभ लग्न विवाह मुहूर्त के है।
खरमास में नहीं बजेगी शहनाई
इस साल 13 मार्च की रात में 1 बजकर 17 मिनट पर खरमास का शुरू हो जाएगा। खरमास के दौरान शुक्र के अस्त रहने और मीन राशि में सूर्य के रहने से लग्नों का अभाव है। 13 अप्रैल रात 9: 37 मिनट से मेष राशि में सूर्य के जाने और मेष सक्रांति होने से शुक्र का उदय होगा।
शुक्र ग्रह संपन्नता और विलासिता का कारक है, जबकि बृहस्पति लग्न योग देने वाला है। इन दोनों ग्रहों के प्रादुर्भाव और ज्योतिषीय योग के आधार पर लग्न और शुभ योग देखे जाते हैं।इन दोनों ग्रहों के प्रादुर्भाव और सूर्य के अपने भाव से हट जाने के कारण शुभ लग्नों की कमी हो जाती है।
कब-कब हैं शुभ मुहूर्त
गीता पंचाग के अनुसार अप्रैल महीने की 16,17,18,19,20,21,22 को लग्न मुहूर्त रहेंगे। मई और जून महीने में कोई मुहूर्त नहीं है। जुलाई में 11,12,13,14,15,16,17,18,19,20, 21,22,24,25,26,29,30 तारीखों में चर्तुमासिक शुद्ध लग्नो का योग रहेगा। अगस्त में 8,14 और 22 तारीखों में ही शुद्ध लग्नों का योग है। सितंबर में 3 और 4 को शुभ विवाह मुहूर्त का योग है।
इसके बाद 10 सितंबर से 8 अक्तूबर तक गुरू अस्त रहने के कारण कोई भी विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं हो पायेगा। नवंबर में 16,21,23,24,25,26 में मांगलिक योग है। साल के अंतिम महीने दिसंबर की 1,4,5,8,9,10,13 तारीखों में विवाह के शुभ लग्नों के साथ मांगलिक कार्य भी होंगे।
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