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जानिए कैसे बनता है राजयोग, क्या आपकी कुंडली में भी है ये योग?
लखनऊ: कोई भी मनुष्य अपना भविष्य जानने के लिए हस्तरेखा, ज्योतिष और कुंडली का सहारा लेता है। किसी भी मनुष्य की कुडंली देखने पर भूत, भविष्य और वर्तमान का पता लगाया जा सकता है। बशर्तें कुंडली सही हो। जन्म कुण्डली का जातक के भविष्य को देखने में अपना महत्व है। ग्रहों की विशेष परिस्थिति कुंडली में यह योग बनाती है। राजयोग होने पर व्यक्ति तमाम वैभव और सुख को भोगता है। जानिए कौन से ग्रह कब बनाते हैं कुंडली में राजयोग।
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*किसी व्यक्ति की जन्म कुण्डली में केन्द्र के स्वामी ग्रह का त्रिकोण स्वामी ग्रह से किसी भी रूप में संबंध हो तो राजयोग बनता है।
*किसी जातक की जन्म कुण्डली में 9वें भाव का स्वामी ग्रह 10वें भाव में स्थित हो तो 10वें भाव का स्वामी ग्रह 9वें भाव में हो तो भी यह योग बनता है।
*किसी जातक की जन्म कुण्डली में 9वें भाव में 9वें भाव का स्वामी ग्रह एवं 10वें भाव में 10वें भाव का स्वामी ग्रह स्थित हो अथवा दोनों में एक ग्रह अपने स्वामी भाव में स्थित हो तो यह योग बनाता है।
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*किसी जातक की जन्म कुण्डली में दो या तीन ग्रह उच्च राशि, स्वराशि, मित्र राशि अथवा नवमांश में शुभ भावों में स्थित हों तो भी राजयोग बनाता है।
*किसी जातक की जन्म कुण्डली में लग्न भाव से अथवा चन्द्रमा की स्थिति से षष्टम, सप्तम अथवा एवं भावों में बुध, गुरू एवं शुक्र तीनों ग्रह स्थित हों तो शुभ राजयोग बनता है।