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ASTRO: हाथ मिलाने का ऐसा तौर तरीका खोल देगा आपके व्यक्तित्व की पोल

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Published on: 25 Nov 2017 4:22 PM IST
ASTRO: हाथ मिलाने का ऐसा तौर तरीका खोल देगा आपके व्यक्तित्व की पोल
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सहारनपुर: रोजाना हम अपनी दिनचर्या अथवा अन्य कार्यों के दौरान न केवल दर्जनों बल्कि कभी-कभी तो सैकड़ों लोगों से हाथ मिलाते हैं। अब तो प्रोफेशनल तौर पर महिलाएं भी हाथ मिलाने लगी हैं। यदि आपको सामने वाले व्यक्ति के नेचर अथवा उसके व्यक्तित्व के बारे में जानकारी हासिल करनी है तो हाथ मिलाने के तरीके आपको बता देंगे कि सामने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा है? तो आइए जानते हैं हाथ मिलाने के तौर तरीकों और व्यक्तित्व के बारे में...

ढीला या लापरवाही से हाथ पकड़ने वाला व्यक्ति - अगर आप से हाथ मिलाने वाले व्यक्ति ने लापरवाही से आपसे हाथ मिलाया है, तो वह व्यक्ति स्वभाव से स्वार्थ होगा, चतुर होगा, लापरवाह होगा तथा वह व्यक्ति आपमें या आपकी बातों में रूचि न लेने वाला होगा। ऐसे व्यक्ति बात-बात में संदेह करते हैं, सामने खड़े व्यक्ति को तुच्छ समझते हैं, इनकी मानसिकता संकीर्ण होती है। ऐसे व्यक्तित्व के व्यक्ति घमंडी होते हैं तथा खुद को ज्यादा अकलमंद समझते हैं। स्वभाव से जिद्दी तथा तानाशाह प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे व्यक्ति सिर्फ अपना मतलब साधने के लिए दूसरों से संपर्क करते हैं।

कई बार ऐसी संभावना भी होती है कि आपके सामने खड़े व्यक्ति के हाथ में दर्द हो या वह छुआछूत से फैलने वाले रोगों से डरता हो, इसलिए उसने आपसे ढीला या लापरवाही से हाथ मिलाया हो।

सैंडविच तरीके से हाथ मिलाने वाला व्यक्ति - सैंडविच तरीके से हाथ मिलाने वाले व्यक्ति बहुत ही चतुर, चालक एवं धूर्त प्रवृति के होते हैं। ऐसे व्यक्ति लोगों से मीठी-मीठी बातें करते हैं। लेकिन भीतर से कपटी होते हैं। ऐसे व्यक्ति किसी भी व्यक्ति से अपने हित के लिए बात कर लेते हैं। इस प्रवृत्ति के व्यक्ति अवसरवादी होते हैं तथा व्यापर या व्यवसाय में भी सफल होते हैं। इनके स्वभाव में लचीलापन अधिक होता हैं तथा ये अपना काम पूरा करने या करवाने के लिए कोई भी कार्य कर सकते हैं। इनमें दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने की शक्ति भी होती हैं।

हाथ मिलाकर लगातार हाथ हिलाने वाले व्यक्ति - ऐसे व्यक्ति बहुत ही सुस्त होते हैं तथा इन्हें अपने आस–पास की दुनिया की कोई खबर नहीं रहती। इस प्रवृत्ति के व्यक्ति बहुत ही लापरवाह होते हैं। इसलिए इन्हें कोई भी जिम्मेदारी नहीं देनी चाहिए। ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति शरीर से बड़े हो जाते हैं, लेकिन उनकी बुद्धि छोटे बच्चों की भांति ही होती हैं। इनका दिल बहुत ही साफ होता हैं तथा ये कभी किसी को दोखा नहीं देते। हाथ मिलाते वक्त लगातार हाथ हिलाने वाले व्यक्ति आसानी से दूसरों की बातों में आ जाते हैं। ऐसे व्यक्ति बहुत ही संवेदनशील और सच्चे इंसान होते हैं।

कसकर हाथ मिलाने वाले व्यक्ति - कसकर हाथ मिलाने वाले व्यक्ति समझदार एवं सभ्य होते हैं। सभी को एक समान नजरिये से देखते हैं और सभी का आदर करते हैं तथा बदले में आदर पाने की ही आशा करते हैं। इस प्रवृत्ति के व्यक्ति भरोसेमंद और जिम्मेदार होते हैं तथा दूसरों पर भी जल्दी भरोसा कर लेते हैं।

नीचे हाथ रखकर दूसरे हाथ से कसकर हाथ मिलाने वाले व्यक्ति – ऐसे व्यक्ति अनुशासित होते हैं। ये खुद अनुसासन में रहते हैं तथा दूसरों से भी अनुशासन में रहने की उम्मीद करते हैं। ये अपने से बड़े और छोटे व्यक्तियों का आदर उनके पद या स्तर के अनुरूप करते हैं। इस व्यक्तित्व के व्यक्ति स्पष्ट वक्ता एवं दिल के साफ़ होते हैं। कर्तव्यों का पालन करते हैं, अपना कार्य पूरी ईमानदारी एवं वफादारी के साथ करते हैं। ये दूसरों को कभी नीचा नहीं दिखाते तथा अपने सामने खड़े व्यक्ति से इंसान की तरह ही बात करते हैं और मिलते हैं।

एक हाथ मिलाते हुए दूसरा हाथ व्यक्ति के हाथ पर किसी ओर जगह रखने वाला व्यक्ति - जब कोई व्यक्ति सामने खड़े व्यक्ति से हाथ मिलाते समय एक हाथ से हाथ मिलाता हैं तथा अपना दूसरा हाथ व्यक्ति के हाथ की कलाई पर, कंधे पर या बाजू पर रखता है तो ऐसा व्यक्ति सामने खड़े व्यक्ति का हितैषी अर्थात उसका लाभ चाहने वाला होता है। वह सामने वाले व्यक्ति की ख़ुशी, समृद्धि और उसकी उन्नति की चाह रखने वाला होगा। वह सामने वाले व्यक्ति की अपनी शक्ति के अनुसार सहायता करेगा, उसको ऐसा मार्ग दिखाएगा, जिससे उसकी प्रगति हो सके। उसके सुख में दुःख में, उसके अच्छे बुरे समय में तथा उसकी हंसी-ख़ुशी में उसका हमेशा साथ देगा।

सामने वाले व्यक्ति के हाथ को दबाकर हाथ मिलाने वाला - ऐसे व्यक्ति की सोच संकीर्ण होती हैं तथा इनमें घमंड कूट–कूट कर भरा होता है। ऐसे व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति को अपने से नीच और स्वयं को सर्वोपरी मानते हैं। इन व्यक्तियों का स्वभाव दूसरों पर अपने काम को करवाने का ह्मेशा दबाव डालने वाला होता है। ये व्यक्ति तानाशाही प्रवृत्ति के होते हैं। इनकी मंशा हमेशा यह रहती है कि समाज में इनका नाम हो, मान हो तथा इनका सभी आदर करें, भले ही इनका व्यक्तित्व कैसा भी हो।



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