×

सफलता का मंत्र है कृष्ण, जीवन को सार्थक बनाते हैं अमल करने पर कान्हा की ये बातें

suman
Published on: 2 Sep 2018 8:31 AM GMT
सफलता का मंत्र है कृष्ण, जीवन को सार्थक बनाते हैं अमल करने पर कान्हा की ये बातें
X

जयपुर:भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर को हैं। जन्माष्टमी के इस के उपलक्ष्य में श्रीकृष्ण के जीवन से सीखने वाली उन बातों के बारे में जानते हैं, तो जीवन में कामयाबी दिलाने में मदद करती हैं।

* वैसे तो श्रीकृष्ण बचपन से ही नटखट थे, फिर भी वह बेहद शान्त स्वभाव के थे। कृष्ण जी भगवान विष्णु के अवतार थे और वे यह बात जानते भी थे कि कंस मामा उन्हें बार-बार मारना चाहते थे, फिर भी वे शांत रहते थे और समय आने पर कंस के हर प्रहार का मुंह तोड़ दिया। इससे सीख मिलती है कि कठिन समय में भी अपने शान्त स्वभाव का त्याग नहीं करना चाहिए।

* भगवान श्रीकृष्ण एक बड़े घराने से संबंध रखते थे वह गोकुल में राजा नंद के पुत्र थे फिर भी वे गोकुल के अन्य बालको की तरह ही रहते, घूमते और खेलते रहते थे। उन्होंने कभी भी किसी में कोई अंतर नहीं रखा। उनमें राज घराने का कोई घमंड नही आया हमेशा उनके चहेरे पर सरल भाव रखते थे।

कृष्णाष्टमी: कान्हा रुप है मनमोहक, फिर हम सब इस तरह सजा कर और बढ़ा दें रौनक

* भगवान श्रीकृष्ण ने कभी भी हार न मनाने का संदेश दिया था। अंत का प्रयास करते रहना चाहिए, भले ही परिणाम हमारे पक्ष में क्यों न हो।

* कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को कौन नहीं जानता? यह दोस्ती महज दोनों के प्रेम के कारण नहीं, बल्कि एक-दूसरे के प्रति आदर के कारण भी प्रसिद्ध है। किंतु आज के जमाने में दोस्ती के असली मायने कोई नहीं जानता। श्रीकृष्ण ने हमेशा अपने मित्र सुदामा और अर्जुन का साथ दिया था।

* श्रीकृष्ण को जन्म देवकी ने दिया था लेकिन उनका पालन-पोषण यशोदा और राजा नंद ने गोकुल में किया। यह जानते हुए कि उनके अपने माता-पिता उनसे दूर हैं। श्रीकृष्ण ने उन्हें दिल से प्रेम किया। उनका आदर और सम्मान करने में कोई कसर ना छोड़ी।

suman

suman

Next Story