36 साल बाद आया ऐसा पाक रमजान, 15 घंटे का रख लो रोजा, पढ़ लो नमाज

Newstrack
Published on: 9 Jun 2016 6:56 AM GMT
36 साल बाद आया ऐसा पाक रमजान, 15 घंटे का रख लो रोजा, पढ़ लो नमाज
X

लखनऊ: रमज़ान में इस बार रोज़े का वक्त़ आम दिनों की बजाय कुछ ज्यादा लंबा है। इस्लामी कैलेंडर के महीने हर साल दस दिन पीछे हो जाते हैं और इसकी वजह होती है ग्रहों का चक्कर लगाना। सन् 622 में इस्लामी कैलेंडर की शुरूआत हुई थी। उस समय इसके महीनों की गणना चांद देखकर की गई। तभी से इस्लामी कैलेंडर का हर महीना चांद देखकर ही शुरू होता है। मौलाना सैफ़ अब्बास और मौलवी शाहिद नसीराबादी बताते हैं कि रमज़ान भी क़मरी यानि चांद देखकर शुरू होने वाला महीना है।

चंद्रमा पर बना है इस्लामी कैलेंडर

इस्लामी कैलेंडर, भारतीय चंद्र आधारित कैलेंडर और हिब्रू कैलेंडर चंद्रमा की गति और उसके चक्कर पर आधारित हैं। चांद के दिखने के साथ ही इस्लामी कैलेंडर के महीने की शुरूआत होती है। गृहों के चक्कर लगाने और चांद को अपने स्थान पर पुनः आने में हर साल 10 दिन का समय कम लगता है। जिसके कारण इस्लामी कैलेंडर के महीने लूनर कैलेंडर से हर साल 10 दिन पीछे हो जाते हैं।

यह भी पढ़ें...हर रोज करें इबादत, रहमत और बरकत का पैगाम लेकर आया माह-ए-रमजान

यही वजह है कि पिछले साल मई तो इस बार रमज़ान जून में पड़ा। जो दिन के लिहाज़ से ज्यादा बड़ा है। जून की वजह से इस बार रमज़ान में रोज़े का वक़्त इस बार कुछ ज्यादा ही लंबा है। रोज़े रखने वालों को इस बार इफ्तार के लिए कुछ ज्यादा ही लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

15घंटे से ज्यादा का इंतज़ार

लखनऊ में सेहरी के वक्त से लेकर इफ्तार के दरमियान 15 घंटे रोज़े में गुज़रेंगे। यानि रोज़े का कुल वक्त 15 घंटे होगा। पिछले कुछ सालों में रोज़े का ये सबसे ज्यादा वक्त है। इस बढ़े हुए वक्त और बड़े रोज़े को रोज़दार अल्लाह की नेमत और खुशक़िस्मती मान रहे हैं। उनका कहना है कि इसके ज़रिए उन्हें इबादत का ज्यादा वक्त हासिल हो रहा है।

15वां रोज़ा 15 घंटे से ज्यादा का

इस साल रमज़ान का 15वां रोज़ा पूरे महीने का सबसे बड़ा रोज़ा होगा। 21 जून को पड़ने वाले इस रोज़े का वक्त 15 घंटे से भी ज्यादा का होगा। ये संयोग 36 साल बाद दोबारा आएगा, जब चंद्रमा इस स्थान पर होगा। इससे पहले 1980 में 15 घंटे से ज्यादा का रोज़ा रोज़दारों ने रखा था।

Newstrack

Newstrack

Next Story