×

दो मिनट में इंटरनेट के जरिए लग्जरी कार चुराने वाला गिरोह अरेस्ट

By
Published on: 8 Nov 2017 8:21 AM GMT
दो मिनट में इंटरनेट के जरिए लग्जरी कार चुराने वाला गिरोह अरेस्ट
X

नोएडा: थाना सेक्टर-39 पुलिस ने लग्जरी कारों की चोरी करने वाले एक अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। वहीं इनके 5 साथी अभी भी फरार हैं। पुलिस ने इनके पास से एनसीआर क्षेत्र से चोरी की गई 7 लग्जरी कारें बरामद की है। गिरफ्तार बदमाश करीब 17 साल से वाहन चोरी के धंधे में संलिप्त हैं। इन लोगों ने अभी तक एक हजार से ज्यादा वाहन चोरी करना स्वीकार किया है। पुलिस के अनुसार पकड़े गए बदमाशों में से दो दिल्ली में मकोका में जेल में बंद रहे हैं।

यह भी पढ़ें: अंखफोड़वा हत्याकांड के मुख्य आरोपी अरेस्ट, अवैध संबंध के चलते फोड़ीं आंखें

एसएसपी लव कुमार ने बताया कि बीती रात को गश्त पर निकली थाना सेक्टर-39 पुलिस ने एक सूचना के आधार पर सेक्टर 1०6 के पास से 6 वाहन चोर रवि उर्फ भूप सिह निवासी मथुरा, विपिन निवासी मथुरा, सुजान निवासी भरतपुर, सर्वेश निवासी इटावा, लक्ष्मीनारायण निवासी भरतपुर, गौरव तोमर निवासी मध्य प्रदेश मुरैना को गिरफ्तार किया है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने एनसीआर क्षेत्र से चोरी की गई कारें बरामद किया है। जिसमें दो क्रेटा, 2 होंडासिटी , दो हौंडा इमेज, एक स्विफ्ट डिजाइर कार है एसएसपी लव कुमार ने बताया कि पकड़े गए बदमाश बदमाशों के पास साथी फरार हैं, जिनके नाम राज भाटिया, सुबोध यादव, मोंटू, राजू शर्मा व रहमान है।

यह भी पढ़ें: मोहाली से अरेस्ट हुई बाबा की ‘राजदार’ हनीप्रीत, कल होगी कोर्ट में पेशी

ऑन डिमांड लग्जरी कारें करते थे चोरी

एसएसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह डिमांड के आधार पर लग्जरी कारें चोरी करते रहे हैं। कार चोरी करने के बाद रहमान चोरी के कारों का फर्जी कागज बनाता है और उसे मोटे दाम पर बेच दिया जाता है एसएसपी ने बताया कि इन लोगों के पास लग्जरी कारों के ताले तोड़ने में प्रयोग होने वाली प्रोग्रामिग मशीन, बैटरी से चलने वाली ड्रिल मशीन 17 गाड़ियों के बने हुए फर्जी आरसी मोबाइल फोन बरामद हुए है।

इंटरनेट की मदद से ऐसे करते थे गाड़ी पार

पकड़े गए ये शातिर चोर अपनी कार से चोरी करने जाते थे। घर के बाहर या पार्किंग में खड़ी कार के बराबर में ये अपनी गाड़ी लगाते थे। फिर पेचकस जैसे औजारों के जरिए दरवाजे को खोल देते थे। इसके बाद ईसीएम से एक्स टूल किट से कनेक्ट करके इंटरनेट पर सॉफ्टवेयर के जरिए कंपनी के सर्वर से पिन जनरेट कर लेते और ओल्ड सेक्यूरिटी पिन को मिटाकर नया पिन जनरेट कर लेते।

गाड़ी स्टार्ट कर आसानी से ले जाते। मारुती से लेकर फरारी तक ये सब को आसानी से चुरा सकते हैं। ये चोर गाड़ी को चुराने के बाद इसे पूर्वोत्तर राज्यों में 2 से 3 लाख में बेच देते। गाड़ी चुराने के बाद ये उस गाड़ी की इंजन ओर चेसिस नंबर आगे वाली टीम को बढ़ा देते और इनकी दूसरी टीम का सरगना उस गाड़ी की आरसी और इंश्योरेंस तैयार कर मार्केट में बेच देता था।

Next Story