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नवरात्र के दूसरे दिन काशी के मां ब्रह्मचारिणी के गूंजे जयकारे, मांगी मनोकामना
वाराणसी: शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन होते हैं। नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों का दर्शन-पूजन होता है। लेकिन इस साल नवरात्र दस दिनों का होने के कारण माता ब्रह्मचारिणी के दर्शन दो दिनों तक होंगे। वाराणसी में मां दुर्गा के रूप के नौ अलग-अलग मंदिरों के दर्शन का महत्त्व है।
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आज मां दुर्गा के दूसरे दिन के रूप ब्रह्मचारिणी का दर्शन के दर्शन किए जाते हैं। काशी में गंगा के किनारे ब्रम्हा घाट पर स्थित मां ब्रह्मचारिणी का अति प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर सैकड़ों सालों से बना हुआ है।
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आज नवरात्र के द्वितीय दिन इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए आते हैं। कहा जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी के दर्शनों से संतान की प्राप्ति होती है, साथ ही साथ मां धन-धन्य से परिपूर्ण करती है।
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काशी के उत्तर दिशा में स्थित इस मंदिर में नवरात्र के द्वितीय दिन दर्शन का महात्म है। पुराणों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ब्रह्मा जी की बेटी हैं। ब्रहम का अर्थ है तपस्या तथा ताप का आचरण करने वाली भगवती, जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाता है।
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नवरात्र के दूसरे दिन यहां न सिर्फ काशी बल्कि अन्य जिलों से भी लोग दर्शन व पूजन के लिए आते है। यहां आने वाले दर्शनार्थियों का मानना है कि मां के दर्शनों व पूजन से उन्हें यश व कीर्ति मिलती है। मां ब्रह्मचारिणी उनका व उनके घर के सभी सदस्यों की मनोकामना पूर्ण करती हैं।
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इस दिन लोग व्रत रखते हैं तथा मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन पूजन कर अपनी मनोकामना मां से मांगते हैं।