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नाम भी डालता है जीवन पर प्रभाव, जानिए कैसे बने भाग्यवान
जयपुर: कहते हैं कि नाम हर इंसान की पहचान होता है और उनके व्यक्तितत्व को भी परिलक्षित करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुकारू नामों का भी जीवन में बहुत महत्व है, क्योंकि अंक शास्त्र में जिस प्रकार हर अंक से एक ग्रह जुड़ा है, उसी प्रकार चंद्र राशि के अनुसार हर अक्षर से एक राशि का जुड़ाव होता है और इसलिए उस राशि से जुड़े ग्रह और उसके स्वभाव व्यक्ति को प्रभावित करते हैं। ज्यादातर लोग पुकारू नाम रखते हुए इस बात पर ध्यान नहीं देते। परिणाम यह होता है कि व्यक्ति कई बार विपरीत ग्रह स्थितियों से प्रभावित होता है। ऐसा उसके नाम के पहले अक्सर से जुड़े ग्रहों के कारण होता है क्योंकि अगर वह व्यक्ति की राशि के किसी शत्रु ग्रह से जुड़ा हुआ तो जातक के लिए बड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए सूर्य और शुक्र शत्रु ग्रह माने जाते हैं। सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है और इसके अंतर्गत जन्म लेने वाले जातकों का नाम मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे से शुरू होता है।
शुक्र तुला राशि का स्वामी है और इन जातकों का नाम रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते से शुरू होता है। इसलिए सिंह राशि में जन्मे किसी व्यक्ति का राशि नाम अगर ‘मोहित’ है और उसका पुकारू नाम ‘रोहित’ रखा गया, तो उसपर सूर्य के अलावा उसके शत्रु ग्रह शुक्र का भी प्रभाव रहेगा। हालांकि उसका मूल स्वभाव अपनी चंद्र राशि सिंह और उसके स्वामी ग्रह सूर्य से ही प्रभावित रहेगा, लेकिन शत्रु ग्रह शुक्र भी उसपर अपना आधिपत्य रखने की कोशिश करेगा। जो व्यक्ति के लिए परेशानियां पैदा करनेवाला है। ऐसे व्यक्तियों का जीवन संघर्षपूर्ण होता है और सफलता पाने के लिए उन्हें अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए अगर बच्चे के जन्म के समय ही इसपर ध्यान देते है तो चंद्र राशि आधारित अक्षरों से शुरू होने वाले नाम या राशि के मंत्र ग्रहों से जुड़े अक्षरों पर आधारित है। नाम रखे जाएं तो उसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है। राशि से जुड़ी विशेषताएं बताते हुए उसके लिए भाग्यशाली रहने वाले अक्षरों के विषय में बता रहे हैं। इसके साथ ही हम हर राशि से जुड़े मित्र और शत्रु ग्रह के विषय में भी बता रहे हैं। इससे बच्चे का नाम रखते हुए उसकी चंद्र राशि या उससे जुड़े मित्र ग्रहों की राशि के नाम रखे, भूलकर भी शत्रु ग्रह से जुड़े नाम ना रखें। स्वामी ग्रह – मंगल; मित्र ग्रह - शनि व सूर्य; शत्रु ग्रह - शुक्र व बुध; सामान्य संबंध - चंद्र व गुरु।
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मेष राशि में जन्मे बच्चे बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। बड़े होने पर समाज में इनका वर्चस्व होता है और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। : इस राशि के अंतर्गत पैदा हुए बच्चों के राशि नाम “अ, ल, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ” से शुरु होते हैं। अ, ल और ई से शुरु होने वाले नाम इनके लिए भाग्यशाली होते हैं।
वृष राशि: स्वामी ग्रह – मंगल; मित्र ग्रह – सूर्य, बृहस्पति; शत्रु ग्रह – बुध; सामान्य संबंध - शुक्र, शनि। वृष राशि के जातक परिश्रमी और धैर्यवान होते हैं। वे बड़े होकर कला के क्षेत्र में अपना नाम कमाते हैं। इस राशि के अंतर्गत ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो,ब,व अक्षर से शुरु होने वाले नाम आते हैं। ब, व, ऊ अक्षरों से शुरु नाम इनके लिए भाग्यशाली माने गए हैं।
मिथुन राशि स्वामी ग्रह – बुध; मित्र ग्रह - सूर्य, गुरु व चंद्र; शत्रु ग्रह - शनि। इस राशि में जन्मे बच्चे बड़े होकर कुशल राजनीतिज्ञ, अन्वेषणकर्ता, पत्रकार, लेखक या योजनाकार बनते हैं। इनमें दूसरों की मन की बातें पढ़ने, दूरदृष्टि और अधिक चतुराई से कार्य करने की अद्भुत क्षमता होती है। क,का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को” से शुरु होने वाले नाम इस राशि के अंतर्गत आते हैं। क, छ, घ अक्षर से शुरु नाम इनके लिए भाग्यशाली होते हैं।
कर्क राशि स्वामी ग्रह – चंद्र; मित्र ग्रह – सूर्य व बृहस्पति; शत्रु ग्रह – मंगल, बुध, शनि, राहु-केतु। कर्क राशि के जातक स्वप्नदर्शी लेकिन परिश्रमी होते हैं। ये बचपन में प्राय: दुर्बल होते हैं, लेकिन उम्र के साथ इनके शरीर का विकास होता चला जाता है। ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो से शुरू नाम इस राशि के अंतर्गत आते हैं। इनके लिए ड, ह अक्षरों से शुरु नाम भाग्यशाली माने जाते हैं।
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सिंह राशि स्वामी ग्रह – सूर्य; मित्र ग्रह - चंद्रमा ,मंगल , बृहस्पति; शत्रु ग्रह – शुक्र, शनि; सामान्य संबंध - बुध। सिंह राशि के जातक बड़े होकर कठोर मेहनती और धन के मामलों में भाग्यशाली होते हैं। इनकी वाणी और चाल में भी शालीनता होती है। लेकिन इस राशि के अंतर्गत आने वाले बच्चे या तो बिलकुल स्वस्थ ही होते हैं या फिर आजीवन बीमार रहते हैं। इस राशि के अक्षर हैं - त मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे। म, ट से शुरु नाम इनके लिए भाग्यशाली होते हैं।
कन्या राशि स्वामी ग्रह – बुध; मित्र ग्रह – सूर्य, शुक्र; शत्रु ग्रह – चंद्रमा; सामान्य संबंध - मंगल, बृहस्पति, शनि। इन जातकों का स्वभाव संकोची और झिझकने वाला होता है। ये भावुक भी होते हैं और दिमाग की अपेक्षा दिल से ज्यादा काम लेते हैं। कन्या राशि के जातक बचपन से ही बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं। इस राशि के अक्षर हैं - प, ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे और पो। “प, ठ, ण” अक्षर से शुरु होने वाले नाम इनके लिए सकारात्मक और भाग्यशाली होते हैं।
तुला राशि स्वामी ग्रह – शुक्र; मित्र ग्रह – बुध, शनि; शत्रु ग्रह – सूर्य, चंद्रमा; सामान्य संबंध – मंगल, बृहस्पति। तुला राशि के जातक कला, गायन आदि गृह कार्यों में दक्ष होते हैं। बुद्धि वाले काम करने में इनकी रुचि अधिक होती है। इस राशि के अक्षर हैं - रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू और ते। र, त से शुरु नाम इन्हें शुभ फल देते हैं।
वृश्चिक राशि स्वामी ग्रह – मंगल; मित्र ग्रह – सूर्य, बृहस्पति; शत्रु ग्रह – बुध; सामान्य संबंध - शुक्र, शनि। ये बुद्धिमान और भावुक स्वभाव के होते हैं। इनमें दृढ़ इच्छा शक्ति होती है। लड़कियां बड़ी होकर जिद्दी और महत्वाकांक्षी हो जाती हैं। उनके स्वभाव में थोड़ा स्वार्थ आ जाता है। इस राशि के अक्षर हैं - ना, नी, नू, ने, नो, या, यी और यू। भाग्यशाली नाम का पहला अक्षर - न, य।
धनु राशि स्वामी ग्रह – बृहस्पति; मित्र ग्रह – सूर्य, चंद्रमा, मंगल; शत्रु ग्रह – बुध, शुक्र; सामान्य संबंध - शनि। इस राशि के तहत जन्मे जातक निडर व आत्मविश्वासी होते हैं। बड़े होने पर इनके मित्र कम बनते हैं। इस राशि के अक्षर हैं - फ,ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा और भे। भाग्यशाली नाम का पहला अक्षर - भ, ध, फ, ढ।
मकर राशि स्वामी ग्रह – शनि; मित्र ग्रह – बुध, शुक्र; शत्रु ग्रह – सूर्य, चंद्रमा, मंगल; सामान्य संबंध - बृहस्पति। मकर राशि के जातक स्वभाव से बेहद महत्वाकांक्षी होते हैं। बड़े होकर ये अपने सम्मान और सफलता के लिए लगातार कार्य करते हैं। राशि अक्षर - ख,ज,भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा और गी। भाग्यशाली नाम का पहला अक्षर - ख, ज।
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कुंभ राशि स्वामी ग्रह – शनि; मित्र ग्रह – बुध, शुक्र; शत्रु ग्रह – सूर्य, चंद्रमा, मंगल; सामान्य संबंध - बृहस्पति। कुंभ राशि के अंतर्गत आने वाले लोग स्वभाव से बुद्धिमान और व्यवहार कुशल होते हैं। बड़े होने पर ये जीवन में स्वतंत्रता को बहुत अधिक महत्व देते हैं। इन्हें प्रकृति से भी असीम प्रेम होता है। इस राशि के अक्षर हैं - गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो और दा। भाग्यशाली नाम का पहला अक्षर - ग, स, श, ष।
मीन राशि स्वामी ग्रह – बृहस्पति; मित्र ग्रह – सूर्य, चंद्रमा, मंगल; शत्रु ग्रह – बुध, शुक्र; सामान्य संबंध - शनि। इनके स्वभाव में उदारता और संवेदनाशीलता होती है। बड़े होने पर इनका स्वभाव संजीदगीभरा हो जाता है। व्यर्थ का दिखावा व चालाकी इन्हें बिल्कुल पसंद नहीं होते। इस राशि के अक्षर हैं - दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा और ची। भाग्यशाली नाम का पहला अक्षर - द, च, थ, झ।