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यहां 17 वीं सदी से चल रही है परंपरा, 5-8 साल की बच्चियों के साथ होता है यह काम
जयपुर: भारत में नवरात्र में कुमारी पूजन के दौरान छोटी बच्चियों को देवी समझ कर भोजन कराया जाता है। लेकिन नेपाल में तो छोटी बच्चियों को ही देवी बनाया जाता है। इस दौरान उनका बचपन आस्था की भेंट चढ़ता है। देवी बनाने के क्रम में इन बच्चियों के साथ बहुत कुछ होता है। नेपाल में रहने वाली बच्चियों को टेक कुमारी नामक इस प्रथा के कारण देवी बना दिया जाता है। 5 साल से 8 साल तक की किसी बच्ची को पहले चुना जाता है औऱ फिर उसे देवी घोषित कर दिया जाता है। उस दिन से ये बच्ची-बच्ची नहीं रहती देवी बन जाती हैै। जीवित देवी' को अत्यधिक चयनात्मक अनुष्ठानों के माध्यम से चुना जाता है। इसके लिए 32 तरह की विशेषताओं का ध्यान रखा जाता है। यह उनकी आंखों का रंग, उनकी आवाज की गुणवत्ता, उनके दांत जैसी कई विशेषताओं के बाद किसी लड़की को देवी का रुप माना जाता है।
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सिर्फ त्यौहार में इन देवियों को बाहर जाने की इजाजत मिलती है। कितना भी मन हो, लेकिन ये बच्ची सामान्य बच्चे की तरह व्यवहार नहीं कर सकती।ये परंपरा 17 वीं सदी से चल रही हैं।पहले लड़कियों को देवी बनने के लिए औपचारिक शिक्षा दी जाती थी।
ये लड़कियां देवी के पद पर सिर्फ तब तक की रह सकती हैं जब तक उन्हें माहावारी की समस्या नहीं होती। लेकिन इस देवी प्रथा के कारण छोटी बच्चियां अपना पूरा बचपन खो रही हैं।