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OPEN MIC SEASON 2: कविताओं के जरिए बयां किया UP हादसों का दर्द

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Published on: 28 Aug 2017 7:21 AM GMT
OPEN MIC SEASON 2: कविताओं के जरिए बयां किया UP हादसों का दर्द
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OPEN MIC SEASON 2: कविताओं के जरिए बयां किया UP हादसों का दर्द

लखनऊ: न ये केमिस्ट्री होती, और ना मैं इसका स्टूडेंट होता,

ना तो ये लैब होती और ना ही हार्ट एक्सीडेंट होता।

कॉलेज के दिनों की मोहब्बत को याद करते हुए आशुतोष त्रिपाठी ने जैसे ही इन चन्द लाइनों से दिल के जज्बातों को अपनी कविता के माध्यम से पेश किया, पूरा का पूरा शीरोज हैंगआउट तालियों और सीटियों से गूंज पड़ा। मौका था Open Mic सेशन के दूसरे सीजन का। इसे लखनऊ सोसाइटी की तरफ से ऑर्गनाइज किया गया था।

युवाओं के छिपे हुए हुनर को प्लेटफॉर्म अवलेबल कराने वाले Open Mic के दूसरे सीजन को एक बार फिर गोमतीनगर स्थित शिरोज हैंगआउट कैफे में आयोजित किया गया, जहां लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। नवाबों की नगरी लखनऊ के युवाओं ने स्वरचित कविताओं, गजल और शायरियों से लोगों को खोने पर मजबूर किया, तो दूसरी ओर स्टैंड अप कॉमेडी के जरिये जमकर गुदगुदाया भी।

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पिछले सीजन में युवाओं ने प्यार मोहब्बत और देशभक्ति की कविताओं को तवज्जो दी थी, तो इस बार उत्तर प्रदेश सरकार की लापरवाही पर जमकर कटाक्ष किया।

यूपी में हो रहे ट्रेन हादसों पर पढ़ी गई कविताओं ने सोचने पर मजबूर किया।

Open Mic सेशन के ऑर्गनाइजर नदीम सिद्दीकी ने बताया कि दूसरे सीजन को लोगों का काफी लोगों का प्यार मिला है। युवाओं का इस सेशन के प्रति इंट्रेस्ट देखकर वह काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि लोगों के छिपे टैलेंट को मंच अवलेबल कराकर वह और उनकी टीम काफी खुश है। तेज बारिश में भी जिस तरह युवाओं ने दिलचस्पी दिखाई, वह काफी हैरान और खुशी देने वाला था।

आगे की स्लाइड में देखिए इस इवेंट की और भी तस्वीरें

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