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हथेली से जानिए कैसा है इंसान का नेचर, बिना पूछे जान जाएंगे उसका बिहेवियर

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Published on: 18 Nov 2017 8:11 AM GMT
हथेली से जानिए कैसा है इंसान का नेचर, बिना पूछे जान जाएंगे उसका बिहेवियर
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सहारनपुर: मानव शरीर का प्रत्येक अंग उसके स्वभाव के बारे में बहुत कुछ कहता है। मसलन मानव के सिर के बाल से लेकर पैर के अंगूठे को देखने और थोड़ा सा दिमाग पर जोर डालने के बाद हम मानव के शरीर के अंगों की बनावट को देखकर यह पता लगा सकते हैं कि हमारे सामने वाला व्यक्ति किस नेचर का है। कुछ अंग ऐसे होते हैं, जिन्हें हम नहीं देख सकते। लेकिन जो अंग दिखते हैं, उन्हीं से हम बहुत कुछ पता लगा सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य अनिल शाह बताते हैं कि मनुष्य की हथेली को आसानी से देखा जा सकता है। हाथ मिलाने भर से हम सामने वाले व्यक्ति के नेचर का ज्ञान प्राप्त कर सकते है। तो आप भी हथेली से किसी के भी नेचर के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है। कैसे आइए जानते है-

- अगर किसी की हथेली मोटी या भारी हो तो वो जातक लालची होता है, तथा सामान्य स्तर का जीवन यापन करता है।

- संकरी हथेली हो तो ऐसे लोग कमजोर प्रकृति वाले, अपने स्वार्थ को सर्वाधिक महत्व देते हैं ।

- पतली तथा कमजोर हथेली वाला जातक गरीबी का जीवन जीता है।

- लंबी हथेली वाले स्पष्टवादी व्यक्ति होते हैं और हर बात मुंह पर बोलने वाले होते हैं।

-लंबी किंतु गोल हथेली वाले अवसरवादी व हंसमुख होते हैं तथा ऐसे लोगों का आर्थिक पक्ष अच्छा होता है।

- हथेली की लंबाई और चौड़ाई बराबर हो तो वे व्यक्ति स्वस्थ, शांत और दृढ़ निश्चयी होते हैं। पुरुषार्थी अपने प्रयत्न से उन्नति करने वाले, किसी भी कार्य को पूरा किये बिना नहीं छोड़ते हैं।

अंगूठा

-अंगूठा जितना लंबा होगा, व्यक्ति उतना ही व अपने आप पर कंट्रोल करने वाला होता है तथा अंगूठा जितना छोटा होगा, व्यक्ति उतना ही शैतानी स्वभाव का होता है या स्वभाव से जिद्दी और आर्थिक स्थिति कमजोर होगी।

-अंगूठा जितना मोटा होगा वह व्यक्ति उतना ही गरीबी हालत में होगा।

- अंगूठा सीधा रहता हुआ दिखलाई दे और अंगूठे की नाखून वाली सबसे ऊपर का पोर पीछे की तरफ झुकी हुई हो तो ऐसे जातक की धन दौलत रिश्तेदारों के या सगे संबंधियों के काम आती है। ऐसा जातक स्वभाव से नम्र होता है।

- सख्त हाथ वाला जातक - राज्य करने वाला तथा अपनी छबी छोडऩे वाला होता है और ऐसे जातक का जीवन रूखा और कठोर सा होता है। ऐसे जातक अपने आप को ज्यादा महत्व देते हैं। बाधाओं के आने पर भी निराश नहीं होते, बाधाओं में भी कार्य करते रहते हैं।

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