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आपकी हथेली पर भी बना है ये जाल तो जान लीजिए अपने जीवन का हाल
जयपुर: हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली पर जितनी कम रेखाएं होती है, उतना अच्छा माना जाता है। हथेली पर कुछ रेखाओं और चिन्हों का होना खास महत्व रखता है। लेकिन यदि बहुत सारी रेखाएं या जालनुमा रेखाएं ऐसी ही उभरी हुई हो तो अच्छी रेखाओं के भी प्रभाव को भी खत्म कर देती है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली की विभिन्न पर्वतों पर बने जाल के प्रभाव के बारे में बता रहे हैं।
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गुरु पर्वत तर्जनी उंगली के नीचे का क्षेत्र होता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार गुरु पर्वत पर बने रेखाओं के जाल व्यक्ति को क्रोधी, घमंडी, लालची, स्वार्थी और क्रूर बनाते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में बेहद प्रैक्टिकल होते हैं। दूसरों की भावनाओं का उनके लिए कोई खास महत्व नहीं होता लेकिन अपनी भावनाओं की बात हो तो तुरंत आहत हो जाते हैं।
शनि पर्वत पर जाल का होना व्यक्ति को महाकंजूस और महाआलसी बनाता है। सबसे बड़ी बात यह होती है कि इनकी ये आदतें स्वाभाव में होती है। यानि ऐसे लोग जन्म से ही कामों से जी चुराते हैं। अपनी चीजें दूसरों को ना देना पड़े इसके लिए कुछ भी करते हैं। अपनी इस आदत के कारण ये दूसरों के मजाक का पात्र भी बनते हैं।
केतु के क्षेत्र पर जाल बने तो व्यक्ति रोगी होता है। ऐसे जातक हमेशा छोटी-बड़ी किसी ना किसी स्वास्थ्य परेशानी से घिरे रहते हैं और आजीवन रोगों के कारण सुकून भरी जिंदगी नहीं जी पाते हैं।
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हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार राहु पर्वत पर जालनुमा रेखाएं होना हर प्रकार से बुरा माना जाता है। इस पर्वत पर ऐसी रेखाएं होना परेशानियों की सूचक होती है। इसके अलावा इस पर्वत पर ऐसी रेखाएं होना व्यक्ति को भाग्यहीन बना देता है। साथ ही ऐसे लोग जीवन में मुश्किल से कोई भी कम कर पाते हैं। हर काम के पूरा या सफल होने में जैसे किस्मत उनका रास्ता रोके खड़ी होती है। ये कभी खुशहाल जीवन नहीं पाते।