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पानी है कान्हा जैसी संतान तो इस जन्माष्टमी पर करें इस मंत्र का जाप
सहारनपुर: माता-पिता का सम्मान करने और परिवार का नाम रोशन करने वाली संतान की इच्छा किसे नहीं होती है? इस बाबत लोग प्रार्थना भी करते हैं, लेकिन जिस वक्त बच्चे को जन्म होता है, उस समय बन रहे नवग्रह के योग के अनुसार ही संतान की प्राप्ति होती है। यदि सभी ग्रह उच्च के होते हैं तो वह व्यक्ति न केवल ख्याति प्राप्त करता है, बल्कि परिवार का नाम भी रोशन करता है।
ज्योतिषाचार्य सागर जी महाराज के अनुसार यदि आप भी यह चाहते हैं कि आपकी आने वाली संतान आपका और अपने परिवार का नाम रोशन करें तो इस जन्माष्टमी पर इसका उपाय आप कर सकते हैं। इसके अलावा यदि शादी को हुए काफी समय हो गया है और आप नि:संतान हैं तो इस श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आप यहां दिए गए उपाय कर संतान की प्राप्ति कर सकते हैं। जन्माष्टमी पर यहां दिए गए मंत्र का विधि-विधान से जाप करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बन सकते हैं।
आगे की स्लाइड में जानिए क्या है पूजा का विधान और मंत्र
मंत्र:
ऐं क्लीं देवकी सुत गोविंद, वासुदेव, जगत्पते।
देहि में तनय कृष्ण, त्वाम अहं शरणं गत: क्लीं।।
जाप विधि:
जन्माष्टमी के दिन सुबह या शाम के समय कुश के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करें। सामने बालगोपाल की मूर्ति या चित्र अवश्य रखें और मन में बालगोपाल का स्मरण करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। जाप के बाद कान्हा को माखन-मिश्री का भोग लगाएं और स्वस्थ व सुंदर संतान के लिए प्रार्थना करें।