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अजब-गजब: जिस दिन साइन करे रिटायरमेंट के कागज, उसी दिन मिली तरक्‍की

sudhanshu
Published on: 2 Sept 2018 4:59 PM IST
अजब-गजब: जिस दिन साइन करे रिटायरमेंट के कागज, उसी दिन मिली तरक्‍की
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असगर नकी

सुल्तानपुर: योगी राज में यूपी पुलिस में चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। यहां एक दरोगा को डीआईजी स्थापना की ओर से उसी दिन प्रमोशन दिया गया जब वो अपने रिटायरमेंट पेपर्स पर साइन कर रहा था। ठीक उसी समय उसे प्रमोशन पेपर्स पकड़ाए गए। जो उसके लिए किसी महत्व का नहीं रहा। पुलिस महकमें की इस कार्यप्रणाली ने विभाग की लापरवाही की पोल खोल कर रख दिया है।

डीआईजी स्थापना ने 31 अगस्त को जारी किया था प्रमोशन आदेश

बीते 31 अगस्त को उत्तर प्रदेश शासन के डीआईजी स्थापना डा. राकेश शंकर ने प्रदेश में 7360 उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) की सेवा नियमावली-2015 के तहत प्रमोशन का निर्देश जारी किया। डीआईजी ने ज्‍येष्‍ठता के आधार पर प्रमोशन देते हुए वर्तमान नियुक्ति स्थान पर इस शर्त के साथ आदेश दिया कि ट्रेनिंग में सफल न होने वालों का प्रमोशन निरस्त कर दिया जाएगा।

विभाग का रिकार्ड जुटा पानें में फेल हो गए अधिकारी

आपको बता दें कि अपराधियों का रिकार्ड रखने वाली पुलिस के ज़िम्मेदार अधिकारी स्वयं अपने ही विभाग का रिकार्ड और जानकारी जुटा पानें में फेल हो गए। साढ़े सात हज़ार से ज़्यादा उपनिरीक्षकों के प्रमोशन में अधिकारियों ने उनका नाम भी लिस्ट में जारी कर दिया जो प्रमोशन आर्डर लिस्ट जारी होनें के दिन रिटायर्ड हो रहे थे। बानगी के तौर पर जिले के मोतिगरपुर थाने पर डायल 100 टीम न. 2827 पर तैनात श्याम शंकर यादव का केस ही ले लीजिए।

पीएनओ न. 782110166 के साथ श्याम शंकर यादव का नाम प्रमोशन लिस्ट में 568 न. पर दर्ज है, उनका वरिष्ठता क्रमांक 1477 है। मूलतः रायबरेली जनपद के निवासी श्याम शंकर यादव की नियुक्ति 1975-76 में हुई थी, और 31 अगस्त 2018 को वो रिटायर्ड हुए हैं। इस बात ने ये साबित कर दिया है के यूपी पुलिस के अधिकारी लापरवाह हो चुके हैं।



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