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ऐसे करेंगे शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक तो रोग, दोष और नहीं होेंगे क्लेश
लखनऊ: महाशिवरात्रि इस साल 24 फरवरी को है। इस दिन लोग पूजा कर भगवान शिव को प्रसन्न करते है। इस दिन रुद्राभिषेक भी करवाते हैं। भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही ग्रह के दोषों और रोगों से जल्द ही मुक्ति मिल जाती है। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक यानि शिवलिंग पर मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। अभिषेक कई तरह के होते हैं। शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका रुद्राभिषेक करना है। कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक करना चाहिए। रोगों को शांत करने के लिए भगवान शिव का कुशोदक से अभिषेक करें।
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*भवन वाहन के लिए दही एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से करें।
*धन वृद्धि के लिए शहद और घी से अभिषेक करें।
*पुत्र प्राप्ति के लिए दूध से और यदि मृत पैदा संतान हो तो गोदुग्ध से अभिषेक कराने से योग्य संतान-प्राप्ति होती है।
*सहस्रनाम मंत्रों का उच्चरण करते हुए घृत की धारा से वंश वृद्धि होती है।
*सरसों के तेल से अभिषेक द्वारा शत्रु पराजित होता है।
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*शर्करा मिलाकर दूध के अभिषेक करने से जड़बुद्धि विद्वान होता है।
*विभिन्न द्रव्यों के अभिषेक से असंभव भी संभव हो जाता है।
*शिवभक्तों को यजुर्वेद मंत्रों के विधि-विधान से रुद्राभिषेक करना चाहिए।
*असमर्थ व्यक्ति को ऊं नम: शिवाय का जाप करते हुए रुद्राभिषेक करना चाहिए।