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शनि की महादशा को दूर करने में रामबाण है ये मंत्र, इनका जाप है प्रभावकारी
जयपुर:ज्योतिष शास्त्र में शनि को ऐसे ग्रह के तौर पर देखा जाता है जिसकी चाल अन्य सभी ग्रहों से खतरनाक है। शास्त्रों के अनुसार शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी स्तुति सर्वश्रेष्ठ है।कर्मफलदाता शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि मंत्र सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती हो या फिर ढैया सबके लिए शनि-मंत्र रामबाण उपाय है।
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शनिवार का दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ दिन होता है। शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शास्त्रों में बहुत सारे उपाय बताए गए हैं लेकिन जो शक्ति शनि मंत्र है वह अन्य किसी उपाय में नहीं है।
शनि स्तोत्र
नमस्ते कोणसंस्थाय पिडगलाय नमोस्तुते। नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोस्तु ते।।
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च। नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो।।
नमस्ते यंमदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते। प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च।।
शनि दोष की शांति के लिए करें इन मंत्रों का जाप जरूरी है।वैदिक शनि मंत्र
"ऊँ शन्नोदेवीर भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः"
"ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
तांत्रिक शनि मंत्र
"ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"
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शनिदेव को खुश करने के लिए शनिवार को सूर्योदय से पहले जागकर पीपल की पूजा करने से शनिदेव खुश होते हैं। शनिवार को पीपल के पेड़ में सरसों का तेल चढ़ाने से शनि देव अति प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शनिवार को संध्याकाल में इन मंत्रों का जाप करने से शनि का प्रकोप शांत होता है। साथ ही शनिदेव को इस मंत्र से पूजा करने से जो भी शनि की महादशा भी खत्म होती है।