शनि जयंती पर राशि के अनुसार ऐसे करेंगे उपाय तो शनि की बरसेगी कृपा

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Published on: 3 Jun 2016 6:03 PM IST
शनि जयंती पर राशि के अनुसार ऐसे करेंगे उपाय तो शनि की बरसेगी कृपा
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लखनऊ: आगामी 4 जून को शनि जयंती देशभर में मनाई जाएगी। शनि न्याय के देवता हैं। वह जहां विपरित फल देते हैं तो जातक को अनुकूल फल भी प्रदान करते हैं। लोगों में भ्रम रहता है कि शनि देव अहित कर देंगे, लेकिन हम यहां आपको बता दें कि शनि देव कभी भी किसी को बिना वजह परेशान नहीं करते हैं। वह उसे हुए परेशान करता है जो दूसरों को प्रताड़ित करता है।

ज्योतिषाचार्य आचार्य सागर जी महाराज के अनुसार जो सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, शनि देव उसे कभी परेशान नहीं करते हैं। यही नहीं हनुमान जी की आराधना करने वालों को भी शनि देव परेशान नहीं करते हैं। यदि आप शनि की ढैया और साढ़ेसाती से ग्रस्त है तो इस शनि जयंती से ये उपाय शुरू कीजिए, आप पर शनि देव की कृपा बरसेगी।

राशि के अनुसार करें शनि जयंती पर उपाय...

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मेष: शनिवार को हनुमान मन्दिर में पूजा उपासना कर तथा प्रसाद चढाएं। शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं को 7 शनिवार दान करें। महामृ्त्यंजय मंत्र का प्रतिदिन कम से कम एक माला या अधिक का जाप करना। पारद शिवलिंग के प्रतिदिन दर्शन करें। शनिवार को सरसों के तेल में अपनी छाया देख कर दान करना चाहिए। जट्टा वाला नारियल, बादाम, काले जूए अथवा काली छतरी का दान करें। मध्यमा अंगूली में काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।

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वृष: लोहे अथवा चांदी की अंगूठी में मध्यमा अंगुळी में नीलम रत्न धारण करें। शनि स्तोत्र का जाप करें। पीपल के नीचे शनिवार को तेल का दीपक जलाएं। शनिवार को दैनिक उपयोग की वस्तुओं में शनि ग्रह से संबन्धित वस्तुओं का अधिक प्रयोग करना चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर काले घोड़े की नाल अंदर की ओर लगाएं। घर में पूजा स्थान में पारद शिवलिंग रखें और उसके सामने प्रतिदिन महामृ्त्त्युंजय मंत्र का जाप कर्रे। शनिवार को शनि ग्रह से संबंधित वस्तुएं न खरीदें।

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मिथुन: शनिवार को मध्यमा अंगुली में नीलम अथवा उसके उपरत्न फिरोजा चांदी में धारण करें। घर के द्वार के पास काले रंग के पत्थर की शिला स्थापित करें। स्वास्तिक अथवा अन्य मांगलिक चिन्ह घर के मुख्य द्वार पर लगाएं। काले कुत्ते को मीटी रोटी शनिवार को खिलाएं। घर में शनिवार को नीले रंग की चादरों का प्रयोग करें। शनिवार को कच्चा सरसों का तेल कच्ची जमीन पर गिराएं। साढ़ेसाती की अवधि में शनिवार को सफेद वस्त्र धारण करने से बचना चाहिए।

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कर्क: शनि ग्रह से संबन्धित वस्तुओं का नियमित रुप से 7 शनिवार दान करें। शनि स्तोत्र का प्रतिदिन श्रद्धापूर्वक जाप करें। महामृ्त्युंजय मंत्र का यथाशक्ति प्रतिदिन जप करें। काले घोड़े की नाल की अंगूठी शनिवार को मध्यमा अंगुळी में धारण करें। शनि के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। प्रत्येक शनिवार को आम के अचार सहित एक -एक रोटी 11 भिखारियों को दान करें। शनिवार के व्रत करें।

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सिंह: व्यक्ति को शनि ग्रह के मंत्र का प्रतिदिन जप करना चाहिए। शनि ग्रह से संबन्धित वस्तुओं के नियमित रुप से लगातार 7 शनिवार दान करने चाहिए। व्यक्ति को मध्यमा अंगूली में काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करने से शनि कष्टों में राहत प्राप्त होती है। व्यक्ति को 108 शनि छाया यंत्रों का जल प्रवाह करना चाहिए। पारद शिवलिंग के सामने महामृ्त्युंजय मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप करना चाहिए।

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कन्या: प्रतिदिन शनि ग्रह के मंत्र का जाप करें। शनि ग्रह से संबंधित सामग्री को 7 शनिवार लगातार दान करें। घर में ग्रह पीड़ा निवारक शनि यंत्र लगाकर शनि स्तोत्र का जाप करें। नारियल अथवा बादाम का शनिवार को जल प्रवाह करें। शनि छाया यंत्रों के प्रयोग करने से भी लाभ प्राप्त हो सकते है।

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तुला:शनिवार को साबुत उडद किसी भिखारी को दान करें। घर से बाहर काले कुत्ते को रोटी डालें। शनि छाया यंत्रों का जल प्रवाह करें। नीलम अथवा उसके उपरत्नों की अंगूठी धारण करें। शनिवार को सरसों के तेल का दान करें। पारद शिवलिंग की नियमित रुप से पूजा करें।

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वृश्चिक: शनि यंत्र घर में लगाकर उसके सामने शनि के मंत्र का प्रतिदिन जाप करना चाहिए। काले तिल कीडियों को डालें। तांबे का सिक्का बहते जल में प्रवाह करें। नारियल अपने सिर से उतार कर जल प्रवाह करें। हनुमान जी की निरंतर उपासना करनी चाहिए।पारद शिवलिंग के सामने महामृ्त्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार प्रतिदिन जप करें।

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धनु: व्यक्ति को शनिवार के व्रत रखने से लाभ प्राप्त होते है। साबुत उड़द शनिवार को दान करें। 108 शनि छाया यंत्रों का जल प्रवाह करें। महामृ्त्युंजय मंत्र का जप शिवलिंग के सामने एक माला प्रतिदिन करें। शनिवार के दिन शनि ग्रह से संबन्धित वस्तुएं घर में खरीद कर न लाएं।

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मकर: शनि ग्रह मंत्र का जप प्रतिदिन करें। हनुमान जी की निरंतर उपासना करें। शनिवार के दिन शराब और तामसिक पदार्थो का सेवन न करें। घर में शनि यंत्र लगाएं और इसके सामने शनि मंत्र का जप करें। इस अवधि में व्यक्ति को प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढाना चाहिए।

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कुम्भ: शनिवार को नीले वस्त्रों का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। नीलम या इसके उपरत्नों को अंगूठी में धारण करें। शनि ग्रह से संबन्धित वस्त्रों का शनिवार को दान करें। ग्रह पीड़ा निवारक शनि यंत्र घर में लगाकर उसके सामने शनि स्तोत्र का जप करें।

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मीन: व्यक्ति प्रतिदिन शनि ग्रह के तांत्रिक मंत्र का पाठ प्रतिदिन करें। घर से बाहर काले कुत्ते को रोटी डालें। महामृ्त्युंजय मंत्र का प्रतिदिन जाप करें। प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा करे, पारद शिवलिंग घर में स्थापित करना से भी साढ़ेसाती कष्टों में कमी होती है। पीपल के पेड़ पर जल चढाएं। शनि के शुभ फल पाने के लिए इस पाठ का जाप नियमित रुप से रविवार को छोड़कर हर दिन करना लाभकारी रहता है।

शनि स्तोत्र पाठ

नीलांजन समाभासम रविपुत्रं यमाग्रजम

छाया मार्तण्ड सम्भूतं तम नमामि शनैश्चरम

सूर्यपुत्रो दीर्घदेही विशालाक्षा श्विप्रिया:

मंदचारा प्रसन्नात्मा पीडाम हरतु में शनि

कोणस्थ, पिंगलो, बभ्रु, कृ्ष्णो, र्रौद्रान्तको, यम:

सौरि: शनिश्चरो मंद: पिंपलादेन संस्तुत: !!!

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