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नहीं होंगे शनि आप पर कोपित, आगर रखते हैं इन बातों का ख्याल

suman
Published on: 5 Feb 2018 5:42 AM GMT
नहीं होंगे शनि आप पर कोपित, आगर रखते हैं इन बातों का ख्याल
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जयपुर:शनि के प्रकोप से बचने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। कुंडली में शनि की दशाएं हो, साढ़ेसाती हो या फिर ढैय्या, इन सभी से बचने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के प्रकोप से बचने के लिए जितने भी उपाय किए जाते हैं। उसका मकसद चाहे कोई भी हो लेकिन कुछ विशेष बातों का ध्यान आवश्य रखना चाहिए। ऐसा ना करने पर पूजा का प्रभाव निष्फल हो सकता है।

शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे आसान और कारगर तरीका है शनि देव के प्रिय चीजों का दान करना। लेकिन अगर शनिदेव की कृपा प्राप्त करने या शनि के कुप्रभावों को दूर करने की मनोकामना से अगर दान कर रहे हैं।

ऐसी स्थिति में यह ध्यान रखें कि यह शनिवार का दिन होना चाहिए। साथ ही शानिवार के दिन शाम का समय इसके लिए सर्वोत्तम माना गया है।

शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए गरीबों को भोजन कराना भी दान से कम नहीं है। परंतु कई बार इसमें लोग गलतियां करते हैं। किसी को भोजन कराएं तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि वह भूखा हो। वह भूखा गरीब कोई गरीब भी हो सकता है। यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि उसे भोजन की सख्त आवश्यकता हो। दोनों ही परिस्थितियों में यह समान लाभकारी होता है और शनिदेव इससे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। लेकिन बिना जरूरत बस नियम के लिए ऐसा करने वालों को मनोनुकूल फल कभी नहीं प्राप्त होते। साथ ही, इन दोनों ही चीजों का ध्यान रखते हुए अगर संभव हो तो व्यक्ति के भोजन में कोई एक ऐसा प्रकार रखें, जिसमें तिल और चावल भी मिला हुआ रहे। अवश्य ही शनिदेव बहुत जल्द आपकी हर परेशानी दूर करेंगे।

शनि उपाय करने वाले व्यक्ति अक्सर यह सोच लेते हैं कि इसके पश्चात उन्हें आसानी से शनि कोप से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन अक्सर इस दौरान अपने व्यवहार के कारण लोगों के प्रयास सफल नहीं होते। अगर आप शनिदेव की कृपा चाहते हैं तो अपने व्यवहार में कुछ मूलभूत परिवर्तन भी अवश्य लाएं। इस दौरान आप भूलकर भी अपने बड़े-बुजुर्गों या गरीबों का अपमान ना करें, वरना आपका ऐसा कोई भी प्रयास कभी सफल नहीं होगा। सामान्य जीवन में भी गुरुजनों, बड़ों और गरीबों-जरूरतमंदों का अपमान शनिदेव के कोप का भाजन बनाता है। इसलिए इनके प्रति सम्मान और अपनत्व का भाव अपने व्यवहार में हमेशा के लिए अपना लें तो अच्छा होगा।

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