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शरद पूर्णिमा की रात अगर करते हैं इन 5 मंत्रों का जाप तो भरेगा आपका भंडार
लखनऊ: आगामी 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन महर्षि वाल्मीकि की जयंती भी है, लेकिन शरद पूर्णिमा या शरद पूनम का अपना अलग ही महत्त्व है। शरद पूर्णिमा पर चांद इतना खूबसूरत होता है कि मन करता है एकटक देखते ही रहो। यह चंद्र ना सिर्फ सेहत की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी विशेष पूजनीय हैं। इस दिन इन्हें प्रसन्न करने के प्रयास किए जाते हैं। कुंडली में चंद्र की स्थिति मजबूत करनी हो या मन को स्थिर बनाना हो। यह चंद्र मंत्र मन की शांति और शीतलता के साथ अपार धन, धान्य, संपत्ति और ऐश्वर्य देते हैं। इस शरद पूर्णिमा की रात 5 विशेष मंत्रों से मिलेगी चंद्र देव की कृपा...
ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विद्महे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
शरद पूर्णिमा की रात में की गई पूजन और आराधना से साल भर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है। इसके अलावा मनोबल में वृद्धि, स्मरण शक्ति व खूबसूरती में वृद्धि होती है। मां लक्ष्मी इस दिन विशेष प्रसन्न होती है। इस दिन उनसे मनचाहा वरदान पाना आसान होता है। अत: शरद पूनम पर मां लक्ष्मी की आराधना अवश्य करें।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
इसी रात को खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रख दें और सुबह प्रसाद के खाएं। कहते हैं रात को खीर रखने से उसमें आसमान से अमृत टपकता है।