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शिवरात्रि स्पेशल: इतने बिल्वपत्रों से करें शिव की पूजा,चमकेगा भाग्य का सितारा
लखनऊ: आदिदेव महादेव की अराधना करने के लिए यह महीना यानि सावन माह सबसे उत्तम माना गया है। इस माह की शिवरात्रि पर आप भगवान शंकर से जो भी मांगेंगे, वह आपको मिलेगा। इस शिवरात्रि पर आज हम आपको एक ऐसा उपाय बता रहे हैं, जो आपकी किस्मत के द्वार खोल देगा।
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ज्योतिषाचार्य आचार्य सागर जी महाराज ने बताया कि सावन माह भगवान शंकर का सबसे प्रिय माह है। इसी महीने में शिव और पार्वती का विवाह भी संपन्न हुआ था। इस महीने में की गई पूजा का जातक को विशेष फल प्राप्त होता है। यदि आपकी शादी हुए काफी समय बीत गया है और आप संतान सुख से वंचित हैं तो भगवान शिव आपको संतान सुख का आशीर्वाद भी प्रदान करेंगे, साथ ही यदि धन की कमी आडेÞ आ रही है या आमदनी नहीं बढ़ रही है तो इस समस्या का समाधान भी होगा। नीचे तीन उपाय दिए गए हैं, जिनमें से आप अपनी समस्या के अनुसार केवल एक उपाय इस शिवरात्रि को कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, इस दौरान पूरी तरह से आपका शुद्ध सात्विक होना जरुरी है। मांस मंदिरा और अन्य व्यसनों का भी आपको त्याग करना होगा।
संतान प्राप्ति के लिए उपाय
सावन में किसी भी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का पूजन करें। इसके पश्चात गेहूं के आटे से 11शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें। उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।
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बढ़ाने के लिए आमदनी
सावन के महीने में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का बार जप करें- 108
ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं
प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति की आमदानी में इजाफा होता है।
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बीमारी ठीक करने के लिए उपाय
सावन में किसी सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा नौ बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें। इस उपाय से बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।