×

श्राद्धपक्ष की होने वाली है शुरूआत तो जानिए कैसे पितृदोष से मुक्त करते हैं ये वृक्ष

suman
Published on: 23 Sep 2018 8:51 AM GMT
श्राद्धपक्ष की होने वाली है शुरूआत तो जानिए कैसे पितृदोष से मुक्त करते हैं ये वृक्ष
X

जयपुर: लगातार घट रही हरियाली को बढ़ाने के साथ आप पित्रदोष से भी निजात पा सकते हैं। पितरपक्ष के समाप्त होने में अभी है कुछ दिन शेष। पित्रपक्ष में पीपल व गूलर के पौधों को रोपकर सकते हैं। और पितृदोष से मुक्ति पा सकते है। पितृ दोष के कारण, जिनके वंश आगे नहीं बढ़ रहा उन्हें पौधा रोपण करना चाहिए।

यह भी पढ़ें...अंग्रेजों ने घबराकर राष्ट्रकवि ‘दिनकर’ की इन किताबों पर लगा दिया था प्रतिबंध

यह एक तरह से पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है। इस बहाने लगातार घट रही हरियाली का प्रतिशत बढ़ाने में हम बनते हैं। वह भी ऐसे पेड़ों के लिए जो 24 घंटे आक्सीजन देते हैं। पं. दिवाकर शास्त्री के अनुसार, गीता में श्रीकृष्ण ने पेड़ों में खुद को पीपल बताया था। इसलिए यदि आप पीपल व गूलर के पेड़ को नाली के पास या किसी दूषित स्थान पर लगा दें तो उसे नदी किनारे, किसी बगीची या मंदिर में रोपने से पित्रदोष दूर होता है। पीपल व गूलर के नए पौधों में भी रोपने से यह दोष कम होता है। इसके साथ गाय की सेवा व दान करने से भी पित्रदोष का प्रभाव कम होता है। जो लोग भागवत नहीं करा सकते, वह पित्रपक्ष के 16 दिनों में गीता के 18 अध्याय को घर में निश्चित समय पर दीपक जलाकर पढ़ें। घर में भागवत का पाठ खुद भी कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें...23 सितंबर: आज के दिन धर्म-कर्म करेंगे या अधर्म, जानिए राशिफल

पित्रअमावस्या के दिन पीपल व गूलर के पौधें लगाएं। यदि पीपल या गूलर के पौधे किसी अपवित्र स्थान पर लगा देखें तो उसे मंदिर, नदी किनारे या बगीचे में लगाएं। गाय की सेवा करें। गाय का दान भी कर सकते हैं। गंगास्नान इन 16 दिनों में विशेष महत्व है। पित्रों को गंगा स्नान कराकर श्राद्ध व ब्रह्मभोज कराना चाहिए।

suman

suman

Next Story