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इस मंदिर का सिंदूर है बहुत खास, इसे पाना उतना ही मुश्किल काम
जयपुर:कामाख्या देवी मंदिर का सिंदूर विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास महत्व रखता है। मां कामाख्या देवी मंदिर के इस सिन्दूर को आम बोलचाल में कमिया सिन्दूर कहा जाता है। यह कमिया सिन्दूर कामरूप कामाख्या क्षेत्र में ही मिलता है। कहते हैं कि इसे आसानी से हासिल नहीं किया जा सकता है। कामाख्या सिंदूर की प्राप्ति विशेष मन्त्र की सिद्धि द्वारा किया जाता है। सिंदूर की मंत्र सिद्धि के पश्चात् ही महिलाएं इसका प्रयोग मनोकामना सिद्धि के लिए करती हैं। इसकी प्राप्ति विशेष तरह के मंत्र के 108 बार जाप से सिद्ध किया जाता है।
ऐसे होती मनोकामना पूरी उसके बाद ही विवाहित महिलाएं इसका इस्तेमाल मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए करती हैं। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि जो कोई भी अटूट श्रद्धा के साथ कामाख्या सिन्दूर का प्रयोग करता है उस पर मां कामख्या की विशेष कृपा बनी रहती है। इतना ही नहीं इस सिंदूर की मान्यता है कि यह सिंदूर वशीकरण, जादू-टोना, गृह-कलेश, कारोबार में बाधा, विवाह या प्रेम की समस्या या दूसरी तरह की भूत-प्रेत बाधा की समस्याओं को दूर करता है।
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इसका इस्तेमाल सामान्य तौर पर मांगलिक आयोजनों में किया जाता है। इस सिंदूर को चांदी की डिब्बी में रखकर मंत्र ‘कामाख्याये वरदे देवी नीलपावर्ता वासिनी! त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते!!’का उच्चारण 108 बार करना चाहिए।
इसका जाप चुटकी में सिंदूर लेकर 11 या 7 बार शुक्रवार को शुरू कर सात दिनों तक करना चाहिए। मंत्र के उच्चारण के समय हथेली में गंगाजल, केसर, चंदन को मिलाकर माथे पर तिलक लगाना चाहिए। इस जाप को स्त्री या पुरुष किसी के द्वारा भी किया जा सकता है। इसे लगाने का कार्य भी मंत्रोच्चारण के साथ किया जाना चाहिए। यह मंत्र है- कामाख्याम कामसम्पन्ना कामेश्वरी हरप्रिया द्य कमाना देहि में नित्य कामेश्वरी नमोस्तुते द्यद्य।