×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

11 वीं में पढ़ने वाली इस दिव्यांग लड़की ने हौसले से भरी सपनों की उड़ान, जाने क्यों है चर्चा में!

Aditya Mishra
Published on: 4 Aug 2018 11:33 AM IST
11 वीं में पढ़ने वाली इस दिव्यांग लड़की ने हौसले से भरी सपनों की उड़ान, जाने क्यों है चर्चा में!
X

जालंधर: मन में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो किसी भी चुनौती को पार को हर मुकाम को हासिल किया जा सकता है। इस उदाहरण को जालंधर के इस्लामगंज की रहने वाली पलक कोहली ने सच साबित कर दिखाया है। पलक जन्म से ही एक बांह से वंचित हैं पर उसने जीवन में कभी हार नहीं मानी। डीएवी कालेज में 11वीं में पढ़ने वाली छात्रा ने हाल में थाईलैंड में हुई पैरा बैडमिन्टन प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर शहर का नाम रोशन किया। माता-पिता के प्रोत्साहन, कोच की मेहनत और अपने हौसले के बल पर एक के बाद सफलताएं हासिल की।

newstrack.com आज आपको पलक कोहली की अनटोल्ड स्टोरी के बारे में बता रहा है।

ये भी पढ़ें...पोलियो भी नहीं बन पाई बाधा, यूट्यूब पर विडियो देख बनी एथलीट, जीत चुकी है 14 मेडल

पिता करते हैं सर्जिकल इंक्विपमेंट का कारोबार

पलक के पिता महेश कोहली सर्जिकल इंक्विपमेंट मैनूफैक्चरिंग का कारोबार करते हैं। मां सिम्मी कोहली हाउसवाइफ हैं। पलक ने बताया कि माता-पिता ने हमेशा खेलने के लिए प्रोत्साहित किया है। वर्ष 2016 में पलक ने पैरा गेम्स खेलना शुरू किया था। कोच पवन कुमार ने प्रोत्साहित किया तो उसने बैंडमिटन खेलना शुरू कर दिया। पवन रोजाना पीएपी स्टेडियम में एक से दो घंटे बैडमिन्टन का अभ्यास करवाते थे। धीरे-धीरे पलक की पैरा गेम्स में रुचि बढ़ने लगी।

रोजाना सुबह-शाम करती है प्रेक्टिस

थाईलैंड पैरा बैडमिन्टन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पलक का सफर क्वार्टर फाइनल तक का था। पलक का शानदार प्रदर्शन देखते हुए फेडरेशन ने उसका चयन अक्टूबर में इंडोनेशिया में होने वाले एशियन गेम्स के लिए किया है। वह रोजाना पीएपी कैंपस में तीन से चार घंटे प्रेक्टिस करती है।

कई टूर्नामेंट में जीते पदक

पलक कई बैडमिन्टन टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर फ‌र्स्ट व रनरअप रह चुकी है। उन्होंने जालंधर बैडमिन्टन टूर्नामेंट अंडर-19 डबल्स में रनरअप ट्रॉफी जीती। ओपन स्टेट बैडमिन्टन चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। आइसीएसई जोनल बैडमिन्टन ट्रर्नामेंट में पहला स्थान पाया। स्टेट व रीजन टूर्नामेंट में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया।

पढ़ने में भी अव्वल

पलक ने बैडमिन्टन के साथ-साथ पढ़ाई में भी शानदार प्रदर्शन किया है। वह आइसीएसई दसवीं में 84 प्रतिशत अंक प्राप्त कर चुकी है। अब 11वीं आ‌र्ट्स की पढ़ाई कर रही है।

ये भी पढ़ें...बड़ा कठिन रहा एथलीट से कबड्डी रेफरी तक का सफर : सष्मिता दास

फ‌र्स्ट रैंक पर काबिज होना लक्ष्य

पलक बताती हैं कि बैडमिन्टन रैकिंग में पहले स्थान पर काबिज होना लक्ष्य है। इसलिए दिन-रात मेहनत कर रही हूं। बचपन से ही एक हाथ के न होने से कभी मायूस नहीं हुई। जीवन में कुछ करके दिखाना और आगे बढ़ना है। बैडिमिन्टन में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची तो खुशी थी।



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story