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हनुमान की भक्ति का जान लेंगे ये सरल उपाय तो इस शनिवार जरूर अपनाएंगे आप
जयपुर: हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। वहीं सुंदरकांड का पाठ भी सबसे अच्छा उपाय है हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए। सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखा गया श्री रामचरितमानस के 7 कांडों में से एक है। राम चरितमानस के सभी कांड भगवान की भक्ति के लिए सर्वोत्तम हैं, परंतु सुंदरकांड का महत्व अत्यधिक बताया गया है। किसी भी प्रकार की परेशानी की, कोई काम नहीं बन रहा हो, आत्म विश्वास की कमी हो या और कोई समस्या, ऐसी स्थितियों में सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
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वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह आत्मविश्वास और इच्छा शक्ति बढ़ाने वाला कांड है। श्री हनुमान, जो कि जाति से वानर थे, वे समुद्र को लांघकर लंका पहुंच गए और वहां सीता की खोज की। लंका को जलाया और सीता संदेश लेकर आए। यह एक आम आदमी की जीत का कांड है, जो अपनी इच्छा शक्ति के बल पर इतना बड़ा चमत्कार कर सकता है। इसमें जीवन में सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र भी है। इसलिए पूरी रामायण में सुंदरकांड को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ाता है।
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हनुमानजी की पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मानी गई है। बजरंगबली बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले हैं। शास्त्रों में इनकी कृपा पाने के कई उपाय बताए गए हैं, इन्हीं उपायों में से एक उपाय सुंदरकांड का पाठ करना है। सुंदरकांड के पाठ से हनुमानजी के साथ ही श्रीराम जी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार की परेशानी हो, सुंदरकांड के पाठ से दूर हो जाती है। यह एक श्रेष्ठ और सबसे सरल उपाय है। इसी वजह से काफी लोग सुंदरकांड का पाठ नियमित रूप करते हैं।
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मान्यता है सुंदर कांड बिना किसी रूकावट के एक स्वर और लयबद्ध होकर पूरा कर लिया जाए तो यह मनुष्य के जीवन की सभी परेशानियों को दूर कर सुखमय और मंगलमय जीवन का मार्ग खोलता है। विशेष रूप से सुंदर काण्ड का पाठ मंगलवार और शनिवार को करने का बड़ा महत्व बताया गया है। इससे शनि सहित सभी बुरे ग्रहों का असर खत्म होकर शुभ फल मिलने लगता है।