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क्या आपके कमरे में सीधे आती है सूर्य की रोशनी तो जान लें यह बात
जयपुर: सूर्य संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार है। सूर्य की ऊर्जा से ही पृथ्वी पर जीवन है। अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और आकाश इन पंच तत्वों पर वास्तु भी आधारित है। सूर्यदेव को अग्नि का स्वरूप माना गया है, अत: वास्तु शास्त्र में सूर्य का विशेष महत्व माना जाता है। आइए जानते हैं सूर्यदेव से जुड़े कुछ आसान से वास्तु उपायों के बारे में जो हमारे जीवन को नई ऊर्जा से भर देंगे।
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सूर्योदय से पहले ब्रह्ममुहूर्त का समय चिंतन-मनन एवं अध्ययन के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। विद्यार्थियों को इस समय का सदुपयोग करना चाहिए। ब्रह्ममुहूर्त का समय असीम ऊर्जा का भंडार माना जाता है। सूर्योदय के समय की किरणें स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम मानी जाती हैं। पूर्व दिशा को सूर्य का निवास स्थान भी माना जाता है। वास्तुशास्त्र में सूर्योदय के समय घर के दरवाजे और खिड़कियां खुला रखने की सलाह दी जाती है।
कहा जाता है कि जिस घर में सूर्य का प्रकाश नहीं जाता, वहां डॉक्टर का आना जाना लगा रहता है। अंधेरे कमरे में या जहां सूर्य की रोशनी नहीं आती है, वहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। रसोईघर एवं स्नानघर में भी सूर्य का प्रकाश पहुंचे ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। घर में कृत्रिम रोशनी का उपयोग कम से कम रखना चाहिए।