×

खुद भगवान शिव ने यहां सिखाई थी गुरु द्रोण को धनु विद्या, जलाभिषेक से पूरी होती है मनोकामना

suman
Published on: 21 Feb 2017 2:26 PM IST
खुद भगवान शिव ने यहां सिखाई थी गुरु द्रोण को धनु विद्या, जलाभिषेक से पूरी होती है मनोकामना
X

देहरादून: देहरादून कहते हैं कि टपकेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक करने से मनोकामना की पूर्ति होती है। मान्यता के अनुसार टपकेश्वर महादेव मंदिर में आने वाले लोगों की मनोकामना पूर्ति होती है।

आगे ...

मान्यता है कि महाभारत युद्ध से पहले गुरु द्रोणाचार्य अनेक स्थानों का भ्रमण करते हुए हिमालय पहुंचे। जहां उन्होंने एक ऋषिराज से पूछा कि उन्हें भगवान शंकर के दर्शन कहां होंगे। मुनि ने उन्हें गंगा और यमुना की जलधारा के बीच बहने वाली तमसा (देवधारा) नदी के पास गुफा में जाने का मार्ग बताते हुए कहा कि यहीं स्वयंभू शिवलिंग विराजमान हैं। जब द्रोणाचार्य यहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि शेर और हिरन आपसी बैर भूल एक ही घाट पर पानी पी रहे थे।

आगे ...

उन्होंने घोर तपस्या कर शिव के दर्शन किए तो उन्होंने शिव से धर्नुविद्या का ज्ञान मांगा। कहा जाता है कि भगवान शिव रोज प्रकट होते और द्रोण को धर्नुविद्या का पाठ पढ़ाते। द्रोण पुत्र अश्वत्थामा की जन्मस्थान भी यही है। उन्होंने भी यहां छह माह तक एक पैर पर खड़े होकर कठोर साधना की थी। एक और मान्यता है कि टपकेश्वर के स्वयं-भू शिवलिंग में द्वापर युग में दूध टपकता था, जो कलयुग में पानी में बदल गया। आज भी शिवलिंग के ऊपर निरंतर जल टपकता रहता है। हर साल फागुन में महाशिवरात्रि और श्रावण मास की शिवरात्रि पर टपकेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं।



suman

suman

Next Story