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शास्त्रों के अनुसार नहीं करें ऐसी कन्या से शादी,जिसको हो नींद से प्यार
लखनऊ: मनुष्य जीवन पहले इतना जटिल नहीं था जितना दिखाई देता है। कारण हम सभी अच्छे से जानते हैं, लेकिन अफसोस कोई उसे स्वीकार नहीं करना चाहता। पहले के दौर में साधन और वैयक्तिक महत्वकांक्षाएं सभी कुछ सीमित थे, परंतु आज ऐसा नहीं है। इसके अलावा एक कारण और था जिसके चलते लोग परेशान भी कम होते थे और निराश भी, वो कारण था धार्मिक दृष्टिकोण और उस पर विश्वास करने की प्रवृति।
आज ये भी लगभग ना के बराबर ही है। आजकल आपने देखा होगा लोग बिना कुछ सोचे-समझे प्रेम कर बैठते हैं और फिर परिवारवालों की मर्जी के विरुद्ध जाकर वे शादी के बंधन में बंध जाते हैं, लेकिन जो कार्य सोच-समझकर नहीं किया जाता या धार्मिक रूप से सही नहीं होता, वो कार्य कभी भी सफल नहीं हो पाता। इसलिए उनके संबंध ज्यादा लंबे समय तक टिक नहीं पाते और अंत में उनके लिए विवाह एक बोझ बन जाता है और तलाक पर जाकर बात खत्म होती है।
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शादी का बंधन उम्र भर रहे इसके लिए शादी हमेशा सोच-समझकर करना चाहिए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए धार्मिक ग्रंथ बहुत हद तक सहायक हो सकते हैं। चलिए आज जानते हैं हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार किस महिला से संबंध जोड़ना या उसे शादी कर घर लाना चाहिए और किससे नहीं।
जिसकी कड़वी जुबान हो
हिदू धर्म ग्रंथों के अनुसार ऐसी स्त्री जिसके मुख से हमेशा कटु वचन ही निकलते हैं, जो हर समय, हर किसी के लिए कड़वा ही बोलती है, उसके साथ कभी शादी नहीं करना चाहिए।
कहा जाता है वाणी में सरस्वती का वास होता, जो स्त्री मधुर वाणी बोलती है उससे और उसके परिवार से मां सरस्वती हमेशा प्रसन्न करती है। जिस स्त्री की वाणी ही कर्कश होती है उसका दुष्प्रभाव पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है इसलिए कभी ऐसी स्त्री को घर नही लाना चाहिए।
सुबह देर तक सोने वाली लड़की
स्त्री का काम घर परिवार की जिम्मेदारियां संभालना होता है, अगर वे सक्रिय नहीं होगी तो परिवार बिखर जाएगा। महिलाओं का देर तक सोना, उन्हें जिम्मेदारियों से दूर कर देता है। इसलिए जो महिला आदतन देर तक सोती है उससे शादी करना परिवार के लिए नुकसानदेह हो सकता है। ऐसे खुद के साथ उसकी जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है।
वैसे तो हमारे समाज में पारिवारिक जनों के बीच शादी के रिश्तों को सही नहीं समझा जाता, लेकिन फिर भी बदलते समय में इस मानसिकता में भी कमी आने लगी है। आजकल लोग परिवार के सदस्यों से भी रिश्ता करते है जो उचित नहीं समझते हैं। शास्त्रों में ये बात साफ-साफ कही गई है कि माता-पिता में से किसी के भी रिश्तेदार से शादी को रिश्ता जोड़ना गलत है।
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार अगर शादी रिश्ते में होती है तो संतान की समस्या होती है। इसलिए ऐसा करना सही नहीं है क्योंकि ब्ल्ड ग्रुप और गोत्र के मिल जाने से विवाह संबंध में उत्पन्न होने वाली संतान को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिस स्त्री का माता पक्ष से पांचवीं पीढ़ी और पिता पक्ष से सातवीं पीढ़ी तक रिश्ता जुड़ा हुआ हो, उस स्त्री से कभी विवाह नहीं करना चाहिए।
आजकल भले ही माहौल खुलापन लिए हुए है, लेकिन प्राचीन समय में के ज्ञानियों ने स्त्री-पुरुष के लिए कुछ नियम कायदे बनाए थे। जिनके अनुसार स्त्रियों को अन्य पुरुषों से ज्यादा मेलजोल नहीं बढ़ाना चाहिए। ये उन्हें नैतिक पतन की ओर ले लाता है। इसलिए कभी ऐसी स्त्री से शादी नहीं करना चाहिए जो अन्य पुरुषों के साथ घुलती-मिलती हो या किसी प्रकार का संबंध रखती हो। ये उन्हें नैतिक पतन की ओर ले लाता है। इसलिए कभी ऐसी स्त्री से शादी नहीं करना चाहिए जो अन्य पुरुषों के साथ घुलती-मिलती हो या किसी प्रकार का संबंध रखती हो।
शादी की अहम भूमिका
हमारे समाज में शादी व्यक्ति के जीवन में अहम भूमिका निभाता है, एक दौर था जब पुत्री के अभिभावक इस बात से चिंतित रहते थे की उनकी पुत्री को कैसा ससुराल मिलेगा, वे लोग उसे घर जैसा माहौल देंगे या नहीं। परंतु आजकल के दौर में आपने देखा होगा की पुत्र पक्ष के लोग भी आने वाली बहू के स्वभाव और उसके व्यवहार की चिंता करते है।