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दुनिया के इन 10 देशों में होता है कैशलेस ट्रांजेक्शन, क्या जानते हैं आप ?

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Published on: 17 Nov 2016 4:58 PM IST
दुनिया के इन 10 देशों में होता है कैशलेस ट्रांजेक्शन, क्या जानते हैं आप ?
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नई दिल्ली: जब से पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोट पर बैन लगाया है, तब से देश भर में हाहाकार की स्थिति बनी हुई है ।लोग हैरान-परेशान दिन भर लोग बैंकों के बाहर लाइन लगाए खड़े रहते हैं ।घंटों इंतजार के बाद भी लोगों को उनके चेंज पैसे नहीं मिल पाते हैं ।आम आदमी से लेकर बड़े से बड़ा बिजनेस मैन भी परेशान है हर कोई कैश की प्रॉब्लम से जूझ रहा है।इन सब के बावजूद देश में एक ऐसा भी गांव है जहां लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि वहाँ के अधिकतर लोग मोबाइल, कम्प्यूटर, ई-बैंकिग सैवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। यानी सभी तरह के ट्रांजेक्शन कैशलेस,वो है अकोदरा गांव।दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां लोगों को कैश की जरूरत ही नहीं पड़ती। यहां लोग कैशलेस ट्रांजेक्शन का ही इस्तेमाल करते हैं ।

आगे की स्लाइड्स में जाने किन देशों में होती है कैशलेस पेमेंट...

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बेल्जियम

कैशलेस पेमेंट- 93 फीसदी

डेबिट कार्ड- 86 फीसदी

बेल्जियम में भी ऐसा कानून लागू है, जिसके तहत कैश पेमेंट की लिमिट सिर्फ 3000 यूरो ही है। वहाँ के कानून के अनुसार अगर कोई ये नियम तोड़ता है तो उसपर 2 लाख 25 हजार रुपए तक का चार्ज लग सकता है।

france

फ्रांस

कैशलेस पेमेंट- 92 फीसदी

डेबिट कार्ड- 69 फीसदी

बेल्जियम की ही तरह फ्रांस में भी 3000 यूरो से ज्यादा का कैश में ट्रांजेक्शन करना गैरकानूनी है। कार खरीदने के लिए अगर कैश के तौर पर 1500 यूरो दे रहे हैं तो इस भुगतान को साबित करने के लिए कानूनी तौर पर बिल जरूरी है।

canada

कनाडा

कैशलेस पेमेंट- 90 फीसदी

डेबिट कार्ड- 88 फीसदी

फरवरी 2013 से कनाडा ने सिक्के बनाना और इनका ड्रिस्ट्रीब्यूशन बंद कर दिया। इससे हर साल देश की तकरीबन 11 मिलियन डॉलर की बचत होती है। कनाडा ऐसे देशों में है जहां व्यवहारिक तौर पर ट्रांजेक्शन कैशलेस है। यहां कई बार लोगों को याद करना मुश्किल हो जाता है कि उन्होंने नोट और क्वाइन का इस्तेमाल आखिरी बार कब किया।

uk

यूके

कैशलेस पेमेंट- 89 फीसदी

डेबिट कार्ड- 88 फीसदी

2014 जुलाई में ही यहां की बसों में कैश पेमेंट मना हो गया था। बस में सफर के लिए यहां ओएस्टर कार्ड और प्रीपेड टिकट जरूरी है। ब्रिटिश रीटेल कनसोर्टियम के मुताबिक, खरीदारी के लिए कैश का इस्तेमाल साल दर साल घटता जा रहा है। ब्रिटेन कैशलेस देश होने की दिशा में हैं, लेकिन कई तबकों में बंटे होने के चलते दिक्कते हैं।

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स्वीडन

कैशलेस पेमेंट- 89 फीसदी

डेबिट कार्ड- 96 फीसदी

स्वीडन के बैंकों में डकैती घटनाएं 2008 में 110 दर्ज हुई थी, जो 2011 तक 16 ही रह गईं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह स्वीडिश बैंकों में कैश की कम मात्रा है। ये दुनिया का अकेला ऐसा देश है, जहां कैश का सर्कुलेशन सबसे कम है। कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्वीडन दुनिया का पहला कैशलेस देश बन सकता है।

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ऑस्ट्रेलिया

कैशलेस पेमेंट- 86 फीसदी

डेबिट कार्ड- 79 फीसदी

पूरे ऑस्ट्रेलिया में ही ट्रांजेक्शन का तरीका कॉन्टैक्टलेस यानी कैशलेस है। यहां करीब चार साल पहले से ही कैब तक का पेमेंट कार्ड से मशीन के जरिए होता था। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों ही देश पोस्ट कैश सोसाइटी होने के करीब हैं।

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नीदरलैंड

कैशलेस पेमेंट- 85 फीसदी

डेबिट कार्ड- 98 फीसदी

यहां गाड़ी पार्किंग में भी खड़े कर रहे हों तो देख लें कि जेब में पेमेंट के लिए कार्ड है या नहीं। यहां पार्किंग प्लेस में भी कैश और क्वाइन से पेमेंट मंजूर नहीं है। यहां के रीटेलर और रेस्टोरेंट्स में भी कैश नहीं लिया जाता। पिछले चार साल से फार्मेसी पर भी कैश के इस्तेमाल की मनाही है। ये देश भी जल्द ही पूरी तरह से कैशलेश होने की ओर है।

america

अमेरिका

कैशलेस पेमेंट- 80 फीसदी

डेबिट कार्ड- 72 फीसदी

यहां पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। एप्पल से लेकर माइक्रोसॉफ्ट तक तमाम कंपनीज ने वॉलेट सर्विस की सुविधा दे दी है। पेमेंट के लिए इसका तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। इसके साथ ही अमेरिका में कुछ शॉप्स पर बिल के बदले 100 डॉलर तक भी कैश नहीं दे सकते।

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जर्मनी

कैशलेस पेमेंट- 76 फीसदी

डेबिट कार्ड- 88 फीसदी

जर्मनी में सभी तरह की दुकानों पर मोबाइल और कार्ड से ही पेमेंट होता है। यहां पेमेंट के लिए वॉलेट्स के साथ कई तरह के मौजूद हैं।

south-korea

साउथ कोरिया

कैशलेस पेमेंट- 70 फीसदी

डेबिट कार्ड- 58 फीसदी

साउथ कोरिया इस लिस्ट में काफी पीछे है। यहां काफी हद तक अब भी कैश पर निर्भर रहने वाली सोसाइटी है, लेकिन कुछ साल में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसीज तैयार की गई हैं। यहां मोबाइल पेमेंट का चलन बढ़ रहा है।



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