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भगवान का रूप है श्रीफल, करता है अज्ञानता-अहंकार का नाश

Admin
Published on: 27 April 2016 3:24 PM IST
भगवान का रूप है श्रीफल, करता है अज्ञानता-अहंकार का नाश
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लखनऊ: नारियल को संस्कृत में श्रीफल कहा जाता है। हिंदू धर्म में देवी देवताओं की मूर्ति के सामने नारियल फोड़ने का रिवाज बहुत पुराना है। ज्यादातार धार्मिक संस्कारों में नारियल को रखा जा सकता है। कोई भी काम का शुभारंभ हो नारियल जरूर फोड़ा जाता है। चाहे शादी हो, पर्व हो या फिर कोई महत्वपूर्ण पूजा, पूजा की सामग्री में नारियल आवश्यक रूप से रखा जाता है। जानते है कि क्यों है इतना ज्यादा महत्व नारियल का।

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मनुष्य से जुड़ा है नारियल

एक समय हिंदू धर्म में मनुष्य और जानवरों की बलि सामान्य बात थी। तभी आदि शंकराचार्य ने इस अमानवीय परंपरा को तोड़ा और मनुष्य के स्थान पर नारियल चढ़ाने की शुरुआत की। नारियल कई तरह से मनुष्य के मस्तिष्क से मेल खाता है। नारियल की जटा की तुलना मनुष्य के बालों से, कठोर कवच की तुलना मनुष्य की खोपड़ी से और नारियल पानी की तुलना खून से की जा सकती है। साथ ही नारियल के गूदे की तुलना मनुष्य के दिमाग से की जा सकती है।

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भगवान का रूप है नारियल

नारियल को संस्कृत में श्रीफल के नाम से जाना जाता है। श्रीफल यानी भगवान का फल, तो ऐसे में नारियल आवश्यक रूप से भागवान का फल बन जाता है।नारियल से निकले जल से भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक भी किया जाता है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है, जब भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अवतार लिया तो वे अपने साथ तीन चीजें- लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष तथा कामधेनु लाए। इसलिए नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष भी कहते है। नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही देवताओं का वास माना गया है।

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बुरी नजर को उतारने के लिए

अगर किसी को बुरी लग जाती है तो उसे नारियल की मदद से उतारा जाता है। इसके लिए एक नारियल लिया जाता है और व्यक्ति के लंबाई के बराबर के लाल धागे को नारियल पर लपेटा जाता है। फिर इसे सिर के चारों ओर तेजी से 7 बार घुमाया जाता है और नारियल को नदी में बहा दिया जाता है।

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धन की समस्या दूर करने के लिए

मंगलवार के दिन जासमीन तेल और सिंदूर के पेस्ट से नारियल पर स्वास्तिक बनाएं। अब इसे भगवान गणेश की प्रतिमा पर चढ़ा कर 'ऋणमोचक स्तोत्र' का उच्चारण करें।

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काला जादू

अगर आप पर काला जादू का प्रभाव है तो मंगलवार, शनिवार और रविवार को दुर्गा के मंदिर जाएं। मंदिर जाने से पूर्व एक नारियल, शृंगार के सामान, कपूर, फूलों की माला ले लें और इसे प्रतिमा पर चढ़ाते समय 'हम फट' मंत्र का उच्चारण करें। इसके बाद कपूर से आरती करें। जल्द ही काला जादू का सारा प्रभाव खत्म हो जाएगा।

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अज्ञानता-अहंकार का नाश

नारियल फोड़ने का मतलब है कि आप अपने अहंकार को तोड़कर स्वयं को भगवान के सामने समर्पित कर रहे हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है, जिससे नारियल के सफेद हिस्से के रूप में देखा जाता है।



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