TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

धार्मिक और वैज्ञानिक हर तरह से फायदेमंद है कर्पूर, जानें कैसे?

Newstrack
Published on: 7 July 2016 10:51 AM IST
धार्मिक और वैज्ञानिक हर तरह से फायदेमंद है कर्पूर, जानें कैसे?
X

लखनऊ: हमारे धर्म ग्रंथों में जीवन का सार छिपा है। हमें कैसे उठना-बैठना चाहिए, कैसा व्यवहार करना चाहिए, क्या करना क्या नहीं करना चाहिए ये सब धर्म ग्रंथों में लिखा है। धार्मिक ग्रंथों में लोगों को पूजा-पाठ के नियम बताए गए है। वैसे तो हर कोई ईश्वर में आस्था रखते है। सबकी भगवान के प्रति आराधना का अपना ढंग भी अलग-अलग है, लेकिन एक चीज जो है वो हर किसी के लिए एक समान धर्म में बताया गया है। भगवान की पूजा के दौरान आरती या प्रार्थना में कर्पूर जलाकर उसकी आरती लेने की परंपरा है। धार्मिक कामों में कर्पूर का अपना महत्व बताया गया है। अगर रात में सोने से पहले कर्पूर जलाकर सोया जाए तो और भी लाभदायक है। आरती के बाद जब ईश्वर की स्तुति की जाती है तो ये कहा जाता है जिसका अर्थ होता है कि भगवान कर्पूर के समान है।

कर्पूर मंत्र

कर्पूरगौरम करुणावतारम संसारसारं भुजगेंद्रहारम।

सदावसंतम हृदयारविन्दे भवम भवानी सहितं नमामि।।

अर्थात : कर्पूर के समान चमकीले गौर वर्णवाले, करुणा के सागर, इस असार संसार के एकमात्र सार, गले में भुजंग की माला डालें, भगवान शंकर जो माता भवानी के साथ भक्तों के हृदय में सदा सर्वदा निवास करते हैं...हम उन देवाधिदेव की वंदना करते हैं।

कर्पूर जलाने का धार्मिक महत्व

कर्पूर तीव्र उड़नशील वानस्पतिक द्रव्य है। यह सफेद रंग का होता है। इसमें तीखी गंध होती है। कर्पूर जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। जिस घर में नियमित रूप से कर्पूर जलाया जाता है, वहां पितृदोष या किसी भी प्रकार के ग्रह दोषों का असर नहीं होता है। कर्पूर जलाने से वातावरण पवित्र और सुगंधित होता है। ऐसे वातावरण से भगवान अति प्रसन्न होते हैं।

धर्म के अनुसार कर्पूर जलाने से कई लाभ मिलते है...

अनिंद्रा

रात में सोते वक्त कर्पूर जलाने से नींद अच्छी आती है। प्रतिदिन सुबह और शाम कर्पूर जलाते रहने से घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती।

जीवाणु-विषाणु नाशक

कई शोधों में कहा गया है कि इसकी सुगंध से जीवाणु, विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है और बीमारी होने का भय भी नहीं रहता।

पितृदोष निदान

कर्पूर सुगंधित पदार्थ होता है। इसको जलाने से आस-पास का माहौल सुगंधित हो जाता है। कर्पूर जलाने से देवदोष और पितृदोष का निवारण होता है।

कर्पूर का दवा के रूप में इस्तेमाल....

आर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए कर्पूर मिश्रित मलहम लगााना चाहिए।

पानी में कर्पूर के तेल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर नहाने से ताजगी का एहसास मिलता है।

कफ की वजह से छाती में होने वाली जकड़न में कर्पूर का तेल मलने से राहत मिलती है।

कर्पूर को तेल में मिलाकर मालिश से मोच और मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द में राहत मिलती है।

कर्पूर का तेल त्वचा में रक्त संचार को सहज बनाता है।

गर्दन में दर्द होने पर कर्पूर युक्त बाम लगाने पर आराम मिलता है।

सूजन, मुहांसे और तैलीयत्वचा के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story