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बीवी हो तो ऐसी! डिंपल ने संभाली सपाई वॉर रूम की कमान, रोज ले रही हैं तैयारियों का जायजा

Rishi
Published on: 30 Jan 2017 4:06 PM IST
बीवी हो तो ऐसी! डिंपल ने संभाली सपाई वॉर रूम की कमान, रोज ले रही हैं तैयारियों का जायजा
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लखनऊ: इस नाजुक मौके पर जब चुनाव के पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन हो चुके हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन सतह पर आ चुका है। सपा के पूर्व सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की है और चुनाव प्रचार में उतरने से मना कर दिया है। ऐसे में सीएम अखिलेश यादव की पत्नी और सांसद डिम्पल यादव उनके पीछे दृढ निश्चय के साथ खड़ी नजर आ रही हैं। उन्होंने ​पार्टी के वॉर रूम की कमान संभाल ली है और दिन-प्रतिदिन तैयारियों का जायजा ले रही हैं। राज्य की राजनीतिक गतिविधियों पर भी नजर रखे हुए हैं।

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दरअसल, सपा के वार रूम से चुनावी हलचलों पर नजर रखी जाती है। विपक्षी दल के किसी बयान पर क्या काउंटर देना है। यह यहीं तय होता है और संबंधित नेताओं को बता दिया जाता है। ताकि वह पार्टी का पक्ष जनता के बीच बेहतर तरीके से रख सकें। इतना ही नहीं यहां से पार्टी के स्लोगन, नारों व प्रचार सामग्रियों के समुचित प्रसार पर भी नजर रखी जाती है।

बहरहाल, डिंपल यादव चुनाव प्रचार की कमान भी संभाल सकती हैं। बताया जा रहा है कि उनके सक्रिय भूमिका में आने से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। जानकारों के मुताबिक इसके पहले उन्होंने अखिलेश के सोशल मीडिया की कमान संभाली हुई थी और सपा परिवार में कलह को लेकर​ अखिलेश को पहले ही आगाह कर दिया था। साथ ही सोशल मीडिया पर उनकी छवि को तराशने में जुटी थीं।

कब राजनीति में आईं डिंपल ?

-कन्नौज से लोकसभा सांसद डिंपल की वर्ष 2009 में राजनीति में आईं।

-तब डिम्पल यह चुनाव हार गईं थी।

-वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव के समय जब अखिलेश ने कन्नौज सीट छोड़ी।

-तब डिंपल वहां से निर्विरोध जीतने में सफल रहीं।

-2014 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट बचाने में कामयाब रहीं।

आगे की स्लाइड्स में देखिए, सपा का वॉर रूम...

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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