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अमेठी में आमने सामने आईं सौतनें, सपा-कांग्रेस ने भी ठोंकी एक दूसरे के खिलाफ ताल

अमीता सिंह अमेठी के राजा संजय सिंह की दूसरी पत्नी हैं। वहीं बीजेपी ने इस सीट से संजय सिंह की ही पूर्व पत्नी गरिमा सिंह को टिकट दिया है। दोनों ही उम्मीदवारों ने नामांकन के पर्चे में पति के नाम पर संजय सिंह का ही नाम भरा है।

zafar
Published on: 9 Feb 2017 5:40 PM IST
अमेठी में आमने सामने आईं सौतनें, सपा-कांग्रेस ने भी ठोंकी एक दूसरे के खिलाफ ताल
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अमेठी: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में हुआ समझौता अमेठी विधानसभा सीट पर आकर तार तार हो गया। संजय सिंह की दूसरी पत्नी और राष्ट्रीय स्तर की पूर्व बैडमिंटन खिलाडी अमीता सिंह के गुरूवार 9 फरवरी को नामांकन करते ही तय हो गया कि इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होगा क्योंकि दो सौतनें आमने सामनें होंगी।

आमने सामने सौतनें

बीजेपी ने संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को बहुत पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था। अमेठी राजभवन पर कब्जे के लिए संजय सिंह और गरिमा के बीच काफी पहले से लडाई चल रही है। अब विधानसभा पर कब्जे के लिए ये लडाई सडक पर लड़ी जाएगी। सपा और कांग्रेस के बीच हुए समझौते में इस सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ था। कांग्रेस इस सीट पर अपना हक जता रही थी क्योंकि अमीता 2002 और 2007 का विधानसभा चुनाव इस सीट से जीत चुकी हैं जबकि 2012 के चुनाव में सपा के गायत्री प्रसाद प्रजापति ने उन्हें पराजित कर दिया था।

अमीता और संजय दोनो की दूसरी शादी है। संजय की पहली पत्नी बीजेपी की उम्मीदवार हैं तो अमीता के पति 9 बार के राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियन सैयद मोदी थे जिनकी 1987 में हत्या कर दी गई थी।

सपा ने समझौते के तहत अमेठी, रायबरेली की दस में 8 सीटें कांग्रेस को दे दीं जबकि अमेठी और उंचाहार सीटें अपने पास रखी थीं। लेकिन कांग्रेस ने समझौते को ​दरकिनार करते हुए आज अपना प्रत्याशी उतार दिया। गायत्री प्रसाद प्रजापति पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं और जोरशोर से प्रचार में लगे हैं। लगता नहीं कि दोनों में कोई भी अपना नाम वापस लेगा।

अमेठी सीट पर अड़े थे संजय सिंह

अमेठी राजघराने के संजय सिंह इस सीट से अपनी पत्नी अमीता सिंह को चुनाव लड़ाने पर अड़े थे और आज उन्होंने कांग्रेस के सिंबल पर पत्नी का नामांकन दाखिल करा दिया। अमीता सिंह के नामांकन में संजय सिंह और उनकी बेटी भी शामिल हुए। संजय सिंह ने कहा कि 'अमेठी और रायबरेली की सीट पर शुरू से हमारी दावेदारी थी। हम यहां एक भ्रष्ट मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।' वहीं अमीता सिंह ने कहा की अमेठी की जनता से मेरा भावनात्मक रिश्ता है।

एक पत्नी कांग्रेस, तो दूसरी बीजेपी से उम्मीदवार

अमीता से प्रेम प्रसंग बढने के बाद उन्होंने गरिमा को छोड दिया था । गरिमा भी राजनीतिक परिवार से आती हैं और वो पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ सिंह की पुत्री हैं। संजय सिंह पर गरिमा को मानसिक रूप से प्रताडित करने के भी आरोप लगे। गरिमा को उन्होंने पागल तक करार दिया था। हालांकि गरिमा के नामांकन से संजय सिंह खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि बीजेपी ने गरिमा को प्रत्याशी बना नैतिकता को ताक पर रख दिया है।

अमेठी में पांचवें चरण में 27 फरवरी को वोटिंग होनी है।

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक ?

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार सपा अध्यक्ष और सीएम अखिलेश यादव ने जानबूझकर कांग्रेस को अमेठी सीट से लडने की हरी झंडी दी क्योंकि वो अपने ही उम्मीदवार गायत्री प्रजापति को पसंद नहीं करते। गैरकानूनी खनन में इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद अखिलेश ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को बाहर का रास्ता दिखा दिया था लेकिन उस वक्त के पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद उन्हें मंत्री पद देना पडा। अखिलेश ने उनसे खनन विभाग लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग दिया था।



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