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'सुधर जाओ सपाइयों, तुम्हारी ये हरकतें देख लोहे जैसे इरादे वाले मुलायम हैं दुखी'
लखनऊः 'मन से हैं मुलायम, पर इरादे लोहा हैं।' एक दौर में सपा के नेता-कार्यकर्ता इस नारे को जमकर लगाते थे। आज भी कभी-कभार ये नारा सुनाई दे जाता है, लेकिन मन की यही 'मुलायमियत' सपा सुप्रीमो के दुख का कारण बन गई है। किसी से कुछ कह नहीं पाते और सपा के कार्यकर्ता हैं कि इज्जत दे नहीं सकते। ये खुलासा खुद उनकी छोटी बहू अपर्णा यादव ने सपा के कार्यकर्ताओं के सामने किया।
सपाइयों की इन करतूतों से मुलायम दुखी
अपर्णा ने सपा कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि कई कार्यकर्ता उनकी इज्जत नहीं करते। रंगीन चश्मा लगाकर सामने आ जाते हैं। कोई कमीज के ऊपर के दो-तीन बटन खोलकर घूमता है। बड़ी गाड़ियां हूटर बजाती हुई सपा दफ्तर में घुसती हैं, तो नेताजी सोचने लगते हैं कि आखिर पार्टी में बड़ों का सम्मान क्या ताक पर रख दिया गया है?
जमीन कब्जाने वालों पर बरसीं
अपर्णा यादव इस मौके पर जमीन पर कब्जा करने वाले सपाइयों पर भी बरसीं। लखनऊ कैंट क्षेत्र से पार्टी की उम्मीदवार ने हिदायत दी कि जमीन किसी की मां जैसी होती है और मां की आबरू पर नजरें गड़ाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि जमीन पर गंदी नजर न डालें। साथ ही अपर्णा यादव ने ये भी साफ कर दिया कि जमीन पर कब्जा किए जाने की शिकायत पीड़ित उनसे भी कर सकते हैं।
घरवालों से बांटते हैं अपना दुख
पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में अपर्णा ने कहा कि भले ही सुनने में कड़वी लगे, लेकिन हकीकत यही है कि नेताजी बहुत दुखी रहते हैं। कुछ कार्यकर्ताओं का गलत आचरण भी उनके दुख की वजह है। घर पर मुलायम अपना दुख परिवार के सदस्यों से बांटते भी हैं। अपर्णा ने कार्यकर्ताओं से हाथ उठवाकर ये भी जाना कि कितने लोग नेताजी का सम्मान करते हैं। उन्होंने पूछा कि पिता दुखी हों तो क्या आपको अच्छा लगेगा?