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विधानसभा चुनाव: पिपराइच में अहम है जातीय समीकरण, धनबल का भी जोर

पिपराइच में पिछले दो चुनावों से समाजवादी पार्टी निषाद-मुस्लिम और यादव वोटों के संतुलन से जीतती आ रही है। हालांकि सपा प्रत्याशी राजमती निषाद ने पिछला चुनाव अपने पति स्व यमुना निषाद की मौत से उपजी सहानुभूति लहर में जीता था।

zafar
Published on: 20 Jan 2017 11:40 AM IST
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विधानसभा चुनाव: पिपराइच में अहम है जातीय समीकरण, धनबल का भी जोर

गोरखपुर: जिले के पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में निषाद, सैथवार, मुस्लिम व यादव वोटर बहुसंख्यक हैं। इस सीट पर किसी दल का कब्जा बरकरार नहीं रहा हैं। यहां वर्ष 1991 में भाजपा के लल्लन प्रसाद त्रिपाठी जीते थे। भाजपा को यहां की जनता ने केवल एक बार ही मौका दिया। यहां से चार बार कांग्रेस, तो एक बार बसपा जीती है। कांग्रेस आखिरी बार 1985 में जीती थी। तीन बार निर्दलीय के अलावा यह सीट जेएनपी, जेडी और एसएसपी के खाते में भी जाती रही है। लेकिन 2011 से यह सीट सपा के पास हैं। यहां छठे चरण में 4 मार्च को मतदान होना है।

जातीय समीकरण और धनबल

-पिपराइच में पिछले दो चुनावों से समाजवादी पार्टी निषाद-मुस्लिम और यादव वोटों के संतुलन से जीतती आ रही है।

-हालांकि सपा प्रत्याशी राजमति निषाद ने पिछला चुनाव अपने पति स्व यमुना निषाद की मौत से उपजी सहानुभूति लहर में जीता था।

-धनबल से चुनाव प्रभावित करने वाला क्षेत्र पिपराइच हमेशा सुर्खियों में रहा है।

-इस बार भी पिपराइच में धनबल के साथ भावनाएं चुनाव में अहम हैं।

-यहां से बसपा प्रत्याशी आफताब आलम धनबल पर चुनाव जीतने की फिराक में हैं।

-सपा प्रत्याशी मुख्यमंत्री अखिलेश के विकास कार्यों और जन भावनाओं पर निर्भर हैं।

भाजपा का संकट

-फिलहाल भाजपा का टिकट घोषित न होने से इसके स्वघोषित तीन-तीन उम्मीदवार मैदान में जोर लगा रहे हैं।

-हालांकि, यहां कभी जितेंद्र जायसवाल उर्फ पप्पू भैया की ही जीत होती रही थी।

-लेकिन, पिछले साल भर से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे जितेंद्र जायसवाल को झटका लग चुका है।

-अदालत ने उन्हें हत्या के अभियोग में सजा सुना दी है।

-अब पति की बोई फसल काटने के लिए उनकी पत्नी अनीता जायसवाल कमल का फूल खिलाना चाहती हैं।

-लेकिन योगी समर्थक ब्लॉक प्रमुख महेन्द्र पाल सिंह समेत कई और दावेदार भी मैदान में हैं।

-सपा खेमे की राजमति निषाद पर सीट बरकरार रखने का दबाव है।

-विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं की अच्छी संख्या होने के चलते इस बार भी सपा प्रत्याशी जीत की उम्मीद में हैं।

मतदाता- 386028

पुरुष- 214150

महिला- 171843

किन्नर- 35

मतदान- 4 मार्च

मतगणना- 11 मार्च

पिपराइच के विधायक

2012 - सपा - राजमति निषाद

2011 - सपा - उपचुनाव - राजमति निषाद

2007 - बसपा - जमुना निषाद

2002/1996/1993 - निर्दल - जितेन्द्र कुमार जयसवाल

1991 - भाजपा - लल्लन प्रसाद त्रिपाठी

1989 - जेडी - केदारनाथ सिंह

1985 - कांग्रेस - सैयद जावेद अली

1980 - कांग्रेस (यू) - केदारनाथ सिंह

1977 - जेएनपी - मधुकर दीघे

1974 - बीकेडी -मधुकर दीघे

1969 - एसएसपी - हरी प्रसाद शाही

1967 -एसएसपी - मधुकर दीघे

1962/1957 - कांग्रेस - अक्षयबर सिंह

1957 - कांग्रेस - राम सूरत

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