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विधानसभा चुनाव: बदला बदला सा है नजारा, रालोद के सामने गढ़ बचाने की चुनौती
बागपत जिले की सबसे अहम सीट है छपरौली। छपरौली चौधरी चरण सिंह की जन्मभूमि है और चौधरी परिवार का घर है। इस सीट पर अब तक लगातार राष्ट्रीय लोकदल की ही कब्जा रहा है। लेकिन इस बार दृश्य बदला बदला सा है और रालोद पर बसपा की राजबाला भारी पड़ रही हैं।
बागपत: पिछले विधानसभा चुनाव, 2012 में बागपत की 3 विधानसभा सीटों में से 2 पर बीएसपी ने बाजी मारी थी और एक राष्ट्रीय लोकदल के खाते में गई थी। इनमें बागपत विधानसभा क्षेत्र से बसपा की हेमलता चौधरी और बड़ौत से बसपा के लोकेश दीक्षित चुनाव जीते थे। छपरौली सीट पर आरएलडी के वीरपाल राठी ने जीत दर्ज की थी। बागपत छोटे चौधरी यानि अजित सिंह का गढ़ है और यहां तीनों ही सीटों पर उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है।
लेकिन चौधरी अजित सिंह के इस गढ़ में इस बार दृश्य बदला नज़र आ रहा है। एक नजर डालते हैं तीनों सीटों पर
बागपत विधासभा सीट
बाग़पत विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है। लड़ाई भाजपा, बसपा और लोकदल में नजर आ रही है। यहां सपा-कांग्रेस गठबंदन ने कांग्रेस के डॉ. कुलदीप उज्जवल को उतारा है। इस मुकाबले में भाजपा मजबूत स्थिति में दिखती है।
प्रत्याशी
बसपा से- अहमद हमिद
भाजपा से- योगेश धामा
रालोद से- करतार सिंह भड़ाना
कांग्रेस से- डॉ कुलदीप उज्जवल
बड़ौत विधानसभा सीट
बागपत जिले की दूसरी सीट बड़ौत की है। इस विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला नज़र आ रहा है। सपा-कांग्रेस गठबंधन के समझौते में यह सीट सपा के हिस्से में आई है। यहां भी भाजपा मज़बूत दावेदारी पेश कर रही है।
प्रत्याशी
भाजपा- कृष्णपाल मालिक
रालोद- चौधरी साहब सिंह
बसपा- लोकेश दीक्षित
सपा- शोकेंद्र तोमर
छपरौली विधानसभा सीट
बागपत जिले की सबसे अहम सीट है छपरौली। छपरौली चौधरी चरण सिंह की जन्मभूमि है और चौधरी परिवार का घर है। इस सीट पर अब तक लगातार राष्ट्रीय लोकदल की ही कब्जा रहा है। लेकिन इस बार दृश्य बदला बदला सा है और रालोद पर बसपा की राजबाला भारी पड़ रही हैं।
प्रत्याशी
बसपा- राजबाला चौधरी
भाजपा- सतेंद्र तुगाना
रालोद- सहेंद्र रमाला
सपा- मनोज चौधरी
जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा, लेकिन बाग़पत की तीनों सीटों पर रोचक मुकाबला होगा, इतना साफ़ है।