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UP के CM पद के लिए राजनाथ सिंह सबसे अच्छा विकल्प क्यों नहीं हो सकते?

aman
By aman
Published on: 15 March 2017 3:28 PM IST
UP के CM पद के लिए राजनाथ सिंह सबसे अच्छा विकल्प क्यों नहीं हो सकते?
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संजय भटनागर संजय भटनागर

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 14 साल के वनवास के बाद यूपी में बड़ी जीत दर्ज करते हुए सत्ता हासिल की है। लिहाजा, सीएम पद के लिए भी कई नाम राजनीतिक सर्किल में चल रहे हैं। इनमें यूपी के पूर्व पूर्व सीएम राजनाथ सिंह का नाम भी शामिल है।

राजनाथ सिंह का नाम सबसे आगे चलने के कई कारण हैं। उनके पास यूपी के सीएम होने का अनुभव तो है लेकिन 2019 के चुनाव के मद्देनजर बीजेपी का राजनाथ को सीएम बनाना घातक भी हो सकता है। या यों कहें कि सही फैसला नहीं हो सकता है।

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बीजेपी के अंतिम सीएम राजनाथ ही थे

राजधानी लखनऊ से सांसद और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, ठाकुर जिसे राजपूत जाति भी कहते हैं, से आते हैं। वो 28 अक्तूबर 2000 से 8 मार्च 2002 तक यूपी के सीएम रहे। राजनाथ यूपी में बीजेपी के अंतिम सीएम रहे। बीजेपी ने 1996 के चुनाव में 174 सीटें जीती थी, जो 2002 के चुनाव में घटकर 88 रह गई थीं।

राजनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा था 2002 का चुनाव

विधानसभा के 2002 के चुनाव के वक्त राजनाथ ही यूपी के सीएम थे और पूरा चुनाव उनके ही नेतृत्व में लड़ा गया था। राजनाथ को राम प्रकाश गुप्ता को हटाकर यूपी का सीएम बनाया गया था। 2002 के विधानसभा चुनाव में राजनाथ ने जीत के बड़े-बड़े दावे किए थे। उनका कहना था कि सरकार तो बीजेपी की ही बनेगी।

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सपा संरक्षक के लिए है 'मुलायम' कोना

ये सभी जानते हैं कि राजनाथ के दिल में समाजवादी पार्टी के अब संरक्षक करार दिए गए मुलायम सिंह यादव के लिए एक 'मुलायम' कोना है। अपने कार्यकाल में उन्होंने कई अधिकारियों को महत्वपूर्ण पद दिए जो मुलायम सिंह यादव की पसंद के थे। सिर्फ अधिकारी ही नहीं, बल्कि अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के विनय पाठक और लखनऊ विश्वविद्यालय के एसपी सिंह भी कुलपति का पद पा गए थे। दोनों मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं, जबकि उनकी अपने काम के प्रगति विश्वसनीयता संदिग्ध थी।

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'सब को खुश रखो' की नीति

राजनाथ का मुलायम के प्रति व्यवहार दिखाता है कि वो अब जा रही सपा सरकार के भी कितने करीबी हैं। 'सब को खुश रखो' की राजनाथ की नीति बीजेपी सरकार के लिए घातक साबित हो सकती है। ये माना जा रहा है कि यदि वो सीएम बने तो उन अधिकारियों को ही दोहराएंगे, जो सपा सरकार के प्रिय रहे हैं। इसके अलावा एक खास जाति के लिए उनका प्यार भी किसी से छुपा नहीं है। एक खास जाति से प्यार पीएम नरेंद्र मोदी के मिशन 2019 को धक्का पहुंचा सकता है।

बेटे पंकज के लिए बंद हो सकते हैं दरवाजे

सपा सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और बिगड़ गई कानून-व्यवस्था को संभालना राजनाथ के लिए आसान नहीं होगा, जबकि पीएम और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कह चुके हैं कि पार्टी की सरकार बनी तो कानून का डंडा चलेगा और वो किसी से भेदभाव नहीं करेगा। ऐसे भी राजनाथ सीएम बने तो ये उनके बेटे पंकज के लिए मंत्री पद के दरवाजे बंद कर सकता है। राजनाथ ने अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने में पूरा जोर लगाया है। उनकी चाहत है कि पहली बार विधानसभा सदस्य चुने गए उनके बेटे को सरकार में कोई बड़ी जिम्मेवारी मिले।

जारी ...

मोदी पेश कर सकते हैं नया चेहरा!

यूपी के सीएम पद के लिए बने घने बादल एक-दो दिन में छंट जाएंगे। राजनीति के जानकार रतनमणि लाल कहते हैं कि 'मतदाताओं ने उन सभी को नकार दिया है, जो सपा सरकार में अखिलेश यादव के सहयोगी रहे हैं। यदि राजनाथ सीएम बनने के बाद पुरानी परिपाटी दोहराते हैं तो उनके साथ भी यही हो सकता है।' रतनमणि लाल कहते हैं कि 'मोदी ने हरियाणा में एक नए चेहरे को सामने कर प्रयोग किया। उन्हें यूपी में भी यही करना चाहिए।'

राजनाथ बोले- दिल्ली में खुश हूं

हालांकि राजनाथ सिंह ने यूपी के सीएम बनने की बात से पूरी तरह इंकार किया है। बुधवार (15 मार्च) को उनसे जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा 'मैं दिल्ली में खुश हूं, बड़ी जिम्मेवारी मेरे पास है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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