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BJP में टिकट बंटवारे के साथ ही दंगल शुरू, कई दावेदारों ने दी निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी
आगरा ग्रामीण के एक दावेदार ने कहा कि हेमलता पर दांव खेलकर बीजेपी चुनाव की दौड़ से बाहर हो गयी है। खेरागढ़ से परमार ने सपा, रालोद और कांग्रेस से टिकट हासिल करने या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। फतेहपुर सीकरी से चाहर ने विद्रोह कर दिया है। आगरा छावनी में माहोर समर्थकों ने बीजेपी नेताओं का पुतला फूंका।
आगरा: नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के ऐन मौके पर जारी की गई बीजेपी उम्मीदवारों की सूची ने दंगल शुरू कर दिया है। इस सूची में एक तरफ जातीय समीकरणों को साधा गया है, तो दूसरी तरफ अन्य दलों से आए नेताओं को भी साधने की कोशिश की गई है। लेकिन उम्मीदवारों के ऐलान के साथ ही घमासान भी शुरू हो गया है और कहीं खुलेआम तो कहीं पर्दे के पीछे से विरोध के स्वर उठने लगे हैं। यहां पहले चरण में 11 फरवरी को चुनाव होने हैं।
विद्रोह
-शहर के वर्तमान विधायकों वाली 2 सीटों उत्तर और दक्षिण को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर असंतोष फैल गया है।
-ग्रामीण क्षेत्र की 6 सीटों के साथ शहरी क्षेत्र की एक सीट को लेकर पार्टी में मुखर होते विद्रोह का चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
-पार्टी ने बाह क्षेत्र से सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए राजा अरिदमन सिंह का टिकट तो स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते काट दिया, लेकिन उनका टिकट उनकी पत्नी रानी पक्षालिका सिंह को दे दिया।
-पार्टी के इस दांव पर टिकट के स्थानीय दावेदारों में विद्रोह की चिनगारी भड़क उठी है।
-बाह से निषाद महापंचायत ने भदावर घराने को टिकट दिए जाने का विरोध करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी लड़ाने का एलान किया है।
-गौरतलब है की इस विधानसभा सीट के तहत 70 हजार निषाद वोट हैं।
कार्यकर्ता निराश
-आगरा ग्रामीण से बीजेपी ने सपा छोड़कर आई हेमलता दिवाकर कुशवाह को अपना प्रत्याशी बनाया है।
-पिछले चुनाव में हेमलता सपा से चुनाव लड़ी थीं और दुसरे स्थान पर रही थीं.
-यहां से पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया और ओम प्रकाश चलनी टिकट के दावेदार थे।
-पार्टी के इस कदम से बीजेपी कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल है।
-नाम न छापने की शर्त पर एक दावेदार ने बताया की हेमलता पर दांव खेलकर बीजेपी चुनाव की दौड़ से बाहर हो गयी है।
बिगड़े जातीय समीकरण
-खेरागढ़ से बीजेपी ने वैश्य समाज के महेश गोयल को प्रत्याशी बनाया है। यहां 14000 वैश्य मतदाता हैं।
-यहां से पूर्व विधायक अमर सिंह परमार दावेदार थे। और पिछले चुनाव में बीजेपी के टिकट पर 21,396 वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे थे।
-अब विद्रोही तेवरों में परमार कह रहे हैं कि बीजेपी ने उन्हें टिकट न देकर सवर्ण जातियों का अपमान किया है।
-इस सीट पर ठाकुर और ब्राह्मणों का वर्चस्व है।
-परमार ने सपा, रालोद और कांग्रेस से टिकट हासिल करने या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
पार्टी के खिलाफ मोर्चा
-फतेहपुरसीकरी से टिकट के सबसे बड़े दावेदार राजकुमार चाहर को जोर का झटका लगा है।
-पिछले चुनाव में चाहर रालोद से टिकट कटने पर निर्दलीय चुनाव लडे थे और दूसरे स्थान पर रहते हुए 60 हजार से ज्यादा वोट हासिल किये थे।
-विद्रोही तेवरों के साथ चाहर ने भी अपनी रणनीति तय करने के लिए मंगलवार को किसान सेना की बैठक बुलाई है।
-सकरी से घोषित बीजेपी प्रत्याशी उदयभान सिंह के खिलाफ मंडल अध्यक्षों ने भी मोर्चा खोल दिया है।
-मंडल अध्यक्षों ने कहा कि वो क्षेत्र के किसी भी कार्यकर्ता को चुनाव लड़ा सकते हैं, लेकिन पैराशूट प्रत्याशी के साथ काम नहीं करेंगे।
खेल बिगाड़ने की रणनीति
-फतेहाबाद से वर्तमान विधायक छोटेलाल वर्मा की अनदेखी कर सपा से भाजपा में शामिल हुए जीतेन्द्र वर्मा को टिकट दिया गया है।
-छोटेलाल ने भी टिकट घोषित होते ही अपने समर्थकों के साथ आगे की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
-छोटेलाल वर्मा फतेहाबाद से 5 बार विधायक रह चुके हैं।
-एत्मादपुर में बीजेपी ने एक बार फिर राम प्रताप सिंह चौहान पर दांव खेला है।
-यहां से एक दावेदार बबीता चौहान ने कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं में गुस्सा है।
-जबकि कुछ अन्य दावेदार अब निर्दलीय चुनाव लड़कर बीजेपी का खेल बिगाड़ने की जुगत में लग गए हैं।
अपने ही नेताओं के फूंके पुतले
-आगरा छावनी से अंजुला माहोर को टिकट न दिए जाने से नाराज कोरी समाज ने आगरा सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया का पुतला फूंका।
-कोरी समाज ने विद्रोही तेवरों के साथ चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने का ऐलान कर दिया है।
-कोरी समाज बीजेपी समर्थक माना जाता है और अंजुला माहोर भी लोकसभा चुनाव के बाद सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं।