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BSP के गढ़ में BJP की अपील, जनता करेगी वनवास खत्म करने पर फैसला
वर्ष 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में सरसावा की सीट पर बसपा के डा. धर्म सिंह सैनी ने और देवबंद सीट पर बसपा के ही राजेंद्र राणा विजयी रहे। 2002 के इस विधानसभा चुनाव में पूरे जिले से बीजेपी का पत्ता साफ हो गया था
सहानरनपुर: विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही बीजेपी ने अपनी रैलियों में लोगों से वनवास समाप्त करने की अपील शुरू कर दी थी। लेकिन सवाल यह है कि क्या बीजेपी की यह अपील काम आएगी? जिले के चुनाव परिणाम बताते हैं, कि पिछल दस सालों में बीजेपी यहां सिर्फ एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी है।
बाकी जगहों पर वह दूसरे और तीसरे नंबर पर ही रह जाती है।
बीजेपी का वनवास
-1996 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 2 सीटें मिली थीं।
-इनमें सरसावा सीट से स्व. निर्यभपाल शर्मा और देवबंद से पूर्व विधायक सुखबीर सिंह पुंडीर शामिल थे।
--इसके बाद वर्ष 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में सरसावा की सीट पर बसपा के डा. धर्म सिंह सैनी ने और देवबंद सीट पर बसपा के ही राजेंद्र राणा विजयी रहे।
-2002 के इस विधानसभा चुनाव में पूरे जिले से बीजेपी का पत्ता साफ हो गया था।
-यानी 2002 से 2007 तक बीजेपी सहरानपुर जिले में पांच साल के वनवास पर रही।
बीएसपी की चुनौती
-2007 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तमाम कोशिशों के बावजूद महज शहर सीट से राघव लखन पाल शर्मा ही जीत दर्ज कर सके।
-फिर 2012 में भी शहर सीट पर दोबारा राघव लखनपाल शर्मा चुने गए।
-वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर में राघव लखनपाल शर्मा सांसद बने, तो इस सीट के उप चुनाव में बीजेपी के राजीव गुंबर भी जीत गए।
-तब से अब तक काफी कुछ बदल चुका है। नोटबंदी और महंगाई से जनता नाराज है।
-अब सवाल यह है कि बीएसपी के गढ़ में क्या बीजेपी की अपील असर करेगी, या वह फिर एक ही सीट तक सीमित रह जाएगी।
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