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मायावती के निशाने पर PM, कहा- मोदी घिसी-पिटी जुमलेबाजी और हवा-हवाई बातें कर रहे
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी को सबसे पहले विदेशों से कालाधन लाकर ग़रीबों में 15 से 20 लाख रुपए बांटने, महंगाई और बेरोजगारी कम करने का वायदा पूरा करना चाहिए। इसके अलावा केवल वाराणसी के अपने संसदीय क्षेत्र को छोड़कर पूरे प्रदेश की उपेक्षा करने की नीति को भी उन्हें त्यागना चाहिए।
यूपी में होगी बिहार परिणाम की पुनरावृति
मायावती ने सोमवार को अपने जारी एक बयान में कहा है कि मोदी ने महोबा और वाराणसी के दौरे में जिन योजनाओं, परियोजनाओं के कार्यक्रमों में भाग लिया। वह वास्तविक तौर पर विभिन्न मंत्रालयों के स्वाभाविक कार्य हैं। फिर भी उनमें शामिल होकर मोदी हर जगह अपने नाम का पत्थर लगवाना चाहते हैं। ख़ासकर प्रदेश में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र हर स्तर पर राजनीतिक लाभ उठाने के उद्देश्य से यह प्रक्रिया और भी ज़्यादा तेज कर दी गई है।
लोगों को इसी प्रकार से बरग़लाने का काम बीजेपी और मोदी द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी किया गया था, लेकिन आम जनता इनकी नीति और नीयत को समझकर इनके बहकावे में नहीं आई और बुरी तरह से उसे परास्त किया था। प्रदेश में भी बीजेपी का वही बुरा हाल होने वाला है।
महोबा की जनसभा फ्लाप
बुन्देलखंड क्षेत्र के महोबा जनसभा को पूरी तरह से फ्लाप बताते हुए मायावती ने कहा, कि 'बीजेपी और उसके चुनावी टिकटार्थियों द्वारा पूरी ताक़त झोंकनेे के बावजूद रैली फ्लाप होने से कार्यकर्ता काफी निराश और हतोत्साहित हैं।'
हवा-हवाई बातें कर रहे हैं मोदी
पीएम मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा, कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ही तर्ज पर पीएम मोदी भी लोगों को बरगलाने वाली बातों के साथ बसपा के बारे में झूठे और तथ्यहीन बातें कर रहे हैं। इसके अलावा बुन्देलखंड के विकास और उसके पिछड़ेपन को दूर करने के बारे में पुराने ढर्रे वाली वही घिसी-पिटी जुमलेबाजी व हवा-हवाई बातें कर रहे हैं।
पीएम का बयान राजनीति से प्रेरित
मायावती ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री को सबसे पहले यह बताना चाहिए कि बुन्देलखंड की उपेक्षा क्यों हो रही है।
पीएम का आरोप राजनीति से प्रेरित है, कि 'बसपा शासनकाल में भू-माफिया और भ्रष्टाचारियों आदि पर कार्रवाई नहीं की गई।'
हमने जिन्हें जेल भेजा, दूसरों ने उन्हें टिकट दिया
आम चर्चा है कि अतीक अहमद, रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया), उमाकान्त यादव जैसे कुख्यात लोगों को बसपा के शासनकाल में ही जेल भेजा गया जबकि दूसरी पार्टियां उन्हें टिकट देती रहीं है। वरुण गांधी को भी प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामले में जेल बसपा के शासनकाल में ही भेजा गया था। भ्रष्टाचार में मंत्रियों को केवल बर्खास्त ही नहीं किया गया था बल्कि उनके मामलों की जांच सीबीआई को भी सौंपी गयी थी।